भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अपनी मौसी बाड़ी गुंडिचा मंदिर में नौ दिन का प्रवास करने के बाद अपने बलदाऊ बलराम जी और बहन सुभद्रा जी के साथ श्री मंदिर में वापस लौटे. शिव शक्ति संघ जादूगोड़ा द्वारा इस मौके पर बाहुडा रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया गया था. यूसिल शिव मंदिर के बगल में दुर्गा मंडप में बने हुए मौसी बाड़ी से भगवान् को रथ पर बैठा कर हजारों भक्तों ने रथ को पूरे यूसिल कॉलोनी का भ्रमण करवाया. इस दौरान पूरा क्षेत्र जय जगन्नाथ के जयघोष से गूंजता रहा. इसके पूर्व रथ यात्रा से लेकर अब तक मंदिर में अखंड भंडारा चला जिसमे प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.
बाहुडा रथ यात्रा की शुरुआत मौसी बाड़ी में विराजमान भगवान् की पूजा अर्चना से हुई. पंडित चन्दन पाणिग्रही ने पूरे विधि -विधान से भगवान् जगन्नाथ की पूजा अर्चना संपन्न करवाई. इसके बाद भगवान् के विग्रह को रथ पर विराजमान करने के बाद छेरा पोहरा किया गया. छेरा पोहरा के बाद मौसी बाड़ी में उपस्थित महिला पुरुष और बच्चों ने मिलकर भगवान के रथ को जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ पूरे यूसिल कॉलोनी क्षेत्र का भ्रमण करवाया. इस दौरान जगह -जगह खीर , खिचड़ी , शीतल पेय , गाजा , खाजा और लड्डुओं का वितरण श्रद्धालुओं के बीच किया गया. कीर्तन मंडली पूरे यात्रा के दौरान हरे राम हरे कृष्ण का भजन करते हुए माहौल को भक्तिमय बनाये हुए थी.
वापस श्री धाम पहुँच कर भगवान अपने दाऊ और बहन के साथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए. इस मौके पर पुरोहितों ने शिव शक्ति संघ के महासचिव ददन पाण्डेय के देखरेख और मंदिर के संस्थापक सह प्रधान पुरोहित पंडित जयकेश्वर पाण्डेय के निर्देशन में महाप्रभु की पूजा संपन्न करवाई और गीत गोविन्द का पाठ कर प्रभु को शयन करवाया.
इस अवसर पर उपस्थित शिव शक्ति संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार नायक, अभिमन्यु सिंह, अमित पाण्डेय, अरविन्द पाण्डेय, रुद्राक्ष पाण्डेय, देवानंद महतो, आनंद ठाकुर, अनुज ठाकुर, रोहित राकेश सिंह, ओंकार दिवेदी, अशोक प्रसाद विश्वकर्मा, दीपक माहुरी, सहित सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाया.