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सांसद विद्युत् वरण महतो ने संसद में उठाया चाकुलिया क्षेत्र में हाथियों के आतंक का मामला, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से की ट्रेंच को जल्द भरवाने तथा मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की मांग

जमशेदपुर के सांसद विद्युत् वरन महतो ने चाकुलिया के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली हाथियों के हमलो से लगतार हो रही मौतों एवं संपत्तियों के नुकसान की समस्या पर संज्ञान लेते हुए इस गंभीर मामले को सदन में नियम 377 के तहत उठाया. एवं सदन के माध्यम से केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट करते हुए समाधान दिशा में सकारात्मक पहल करने का आग्रह किया .

ज्ञात हो की बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड में पिछले कई महीनों से हाथियों का झुंड दर्जनों गांव में विचरण कर रहा है। हाथियों के हमले से अब तक 9 ग्रामीणों की मौत हो गई है तथा दर्जनों घर को हाथियों ने तहस-नहस कर दिया है। किसानों के खेत उजाड़ देने से भी किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाथियों की मौजूदगी के कारण स्थानीय लोग दहशत में है जिससे उनका जीवन यापन तक मुश्किल हो चला है। वही, वन विभाग की ओर से समय पर पीड़ितों को मुआवजा प्रदान नहीं किए जाने से भी लोग नाराज और चिंतित है।

स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए सांसद विद्युतवरण महतो ने मंगलवार को संसद में नियम 377 के अधीन हाथियों से जुड़े मामले को काफी गंभीरता से उठाया है। सांसद ने कहा की पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड में जंगली हाथियों का प्रकोप काफी बढ़ा हुआ है। बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र की सीमा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है। सांसद ने कहा की वन विभाग द्वारा ट्रेंच (गड्ढा) खोद देने के कारण जंगली जानवर ट्रेंच पार कर जंगल में नहीं जा पा रहे है। नतीजतन जंगली हाथी गांव में प्रवेश कर रहे है और आमजन को काफी क्षति पहुंचा रहे है। कुछ माह के दौरान जंगली हाथियों के झुंड ने दर्जनों किसान की खेती को बर्बाद कर नुकसान पहुंचाने के साथ मकानों को भी क्षतिग्रस्त किया है। इतना ही नहीं, हाथियों के हमले से अब तक 9 ग्रामीणों की मौत भी हो गई है जो दुखद और चिंताजनक है। हाथी ग्रामीण महिला-पुरुषों को पटक-पटक कर मार रहे है जिससे स्थानीय लोगों के बीच दहशत व्याप्त है। सांसद ने कहा की दुर्भाग्यवश हाथियों के हमले में जान गंवाने वाले पीड़ित परिजनों को समय से उचित मुआवजा भी नहीं मिल रहा है। मुआवजा के भुगतान में विभाग द्वारा काफी विलंब किया जाता है। इसी तरह, हाथियों के द्वारा बर्बाद किए गए फसल तथा मकानों को क्षतिग्रस्त करने के भी मामले में मुआवजा का समय से भुगतान नहीं होता है। सांसद ने विभाग द्वारा पीड़ित परिजनों को दिए जाने वाली मुआवजा राशि को भी काफी कम बताया है। उन्होंने कहा की मुआवजा के संबंध में ग्रामीणों के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों को भी सही से जानकारी नहीं होने के कारण मुआवजा राशि के भुगतान में और ज्यादा विलंब होता है। सांसद विद्युतवरण महतो ने वन एवं पर्यावरण मंत्री से मांग किया की जंगली हाथियों को जंगल में प्रवेश करने में बाधा बनी ट्रेंच को जल्द भरवाया जाए तथा मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी कर इसका समय से भुगतान सुनिश्चित कराया जाए ताकि पीड़ितों को थोड़ी बहुत ही सही राहत मिल सकें।

हाथियों के हमले से मई एवं जून में इन नौ  ग्रामीणों की हुई है मौत

सांसद विद्युतवरण महतो ने संसद में नियम 377 के अधीन चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र में हाथियों के उत्पाद से जुड़े मुद्दे को उठाने के साथ मृतक व्यक्तियों की सूची भी पेश की है। सांसद ने संसद का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि जंगली हाथियों के हमले से अब तक 9 ग्रामीणों की जान चली गई है। सिर्फ दो माह मई एवं जून में ही हाथी के हमले से 7 महिला-पुरुष को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मृतकों में चाकुलिया प्रखंड के मौराबांधी के समीप सीमा पर तिमिर सबर, राजबांध गांव में मदन महतो, मयूरनाचनी में साबान बास्के, कालियाम में प्रभाती कर तथा माकड़ी में दुबाई सोरेन शामिल है। इसी तरह, बहरागोड़ा प्रखंड के धोलाबेड़ा गांव में मंगल मुर्मू तथा धालभूमगढ़ प्रखंड के नयाडीह गांव में कानन मुंडा की भी मौत हाथी के हमले से बीते दिनों हुई है।

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