चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ की सूचना मिल रही है. यह मुठभेड़ पश्चिमी सिंहभूम जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र टोंटो के जंगलों में हो रही है. प्राप्त समाचारों के अनुसार टोंटो थाना क्षेत्र के जंगल में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ता की तलाश में सर्च अभियान चयाला जा रहा था. उसी दौरान नक्सलियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गयी. जवाब में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाल लिया दोनों ओर से हुई जब्बरदस्त गोलीबारी में सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगलों का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 60 बटालियन के दो जवानों आरक्षक सुशांत और हवालदार मुन्ना को नक्सलियों की गोली लगी है. आरक्षक सुशांत को पैर में गोली लगी है. वहीँ हवलदार मुन्ना को छाती में गोली लगी है. और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. दोनों घायल जवानो को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया है, जहां बेहतर इलाज के लिए दोनों को मेडिका अस्पताल में दाखिल करवाया जायगा.इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने कारवाई तेज कर दी है और पूरे जंगलों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
इस दौरान सुरक्षा बलों ने मिसिर बेसरा के बेस कैम्प को ध्वस्त करते हुए उसके बंकर को तहस नहस कर दिया है. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस बंकर में लाइट की सुविधा से लेकर दैनिक जरूरत का हर सामान मौजूद था. बंकर में सुरक्षा बलों को मोर्टार, विस्फोटक सहित अन्य हथियार और नक्सली साहित्य बरामद हुए हैं. पुलिस अधिकारियों ने अभी इस संबंध में खुलासा नहीं किया है, लेकिन नक्सलियों के खिलाफ ये पुलिस की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.
ज्ञात हो की नक्सली मिसिर बेसरा हार्डकोर उग्रवादी माना जाता है और उसके ऊपर एक करोड़ का इनाम घोषित है. सुरक्षा बालों को लगातार उसके टोंटो क्षेत्र के जंगलों में मौजूद होने की सूचना मिल रही थी जिसके बाद सुरक्षा बल सक्रिय हुआ और सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड जगुआर की टीम ने एक साथ उसके ऊपर आक्रमण कर दिया. जिसके कारण मिसिर बेसरा पीछे हटने को मजबूर हो गया . मगर सूचना है की वो अभी उसी क्षेत्र के जंगलों में है और बाहर निकलने की फिराक में है. मगर अब सुरक्षा बलों की मंशा इस बार उसे बच निकलने देने की नहीं है.