डुमरिया : आदिवासी पारंपरिक जड़ी – बूटी चिकित्सा संघ के वैद्य के साथ बैठक ढोलबेरा पंचायत के बारूनीय गाव मे किया गया बैठक की अध्यक्षता मान सिंह द्वारा किया गया बैठक के दौरान सभी वैद्य अपने अनुभव को साझा किए वनौषधि संगरक्षण के लिए जोयाल किस्कू और जुझार सोरेन ने बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार हर्बल गार्डन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है
सभी वैद्यों का कहना है पिरामल स्वास्थ्य का बहुत ही अच्छा पहल है कि हम लोग महीने मे एक बार एक स्थान पर मिलते है और अपने अनुभव को साझा करते है यदि किसी को किसे दावा लेना भी होता है तो वो भी आसानी से मिल जाता है जैसा कि वकील मुर्मू दामडीह के खैरबानी पंचायत डुमरिया के रहने वाले है ये जड़ी बूटी से बहुत ही अच्छा सिरप बनाते है जो धात, स्वप्नदोस, गैस यदि कि विमारी मे काम आता है और समूह मे जुडने के बार समूह के ही लोग इनको बोले कि आप सिरप बनाकर हम लोगों को दे तो हम लोग आप से ही लेगे आज के समय इस् समूह के माध्यम से लगभग 8 से 10 हजार रुपये आमदनी इस् समूह के ही लोगों से होती है इसी तरह से जुझार सोरेन ने भी जॉइन्ट पेन का औषधि समूह मे दिया इनकी आमदानी 3 से 4 हजार हर माह की है समूह मे सभी लोग बहुत खुश है हम सभी लोग पिरामल स्वास्थ्य के जुड़ कर ऐसे काम करते रहेगे सर्वसम्मति से आपस में जंगली जड़ी बूटियों का भी लेन देन किए इसके बाद यह भी निर्णय लिया गया और मरीजों का अभिलेख भी तैयार करेगे । इस दिशा में पिरामल स्वास्थ्य काफी प्रयास कर रहा है राज्य के आदिवासी वैद्य को एक मंच पर ला रहा है साथ ही साथ जड़ी बूटी से ठीक हुए मरीजों और कौन सी जड़ी बूटी कितनी कारगर रही, इसका विवरण तैयार करवा रहा है पिरामल स्वास्थ्य से जुड़े लोगों का कहना है की यदि पुरानी पीढ़ी के ज्ञान का उपयोग नहीं किया गया तो जनजातीय चिकित्सा पद्धति धीरे धीरे लुप्त हो जाएगी। बैठक में आमंत्रित सदस्य के रूप में नन्द लाल जिला कार्यक्रम समन्वयक पिरामल स्वास्थ्य, ज्वाल किस्कु, जुझार सोरेन, राम चन्दर सोरेन विक्रम मार्डी, वकील मुर्मू, बुकई मुर्मू आदि उपस्थित रहे।