चाकुलिया : चाकुलिया शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं. गंभीर स्थिति का खतरा उन रोगियों में देखा जा रहा है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है. इस दौरान पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखण्ड में डेंगू के आंकड़े डराने वाले हैं. अगस्त के महीने के अंत तक यहां डेंगू ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कई मौतें भी हुई हैं. इस खतरे को देखते हुए शुक्रवार को पूर्व विधायक एवं संस्था नाम्या स्माइल फाउंडेशन के संस्थापक कुणाल षाडंगी के द्वारा चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र स्थित धर्मशाला में स्वास्थ्य सहिया दीदीयों के बीच 250 से अधिक मच्छरदानी का वितरण किया गया और जागरूरता अभियान चलाया गया. इस दौरान पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने जानकारी मिलने पर मानवता का परिचय देते हुए डेंगू से पीड़ित स्वास्थ्य सहिया ललिता नायक जो झारग्राम के अस्पताल में भर्ती हैं. उनका कुशल क्षेम जानकर उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान किया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि प्रदेश में डेंगू के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. सरकारी अस्पताल में मरीजों को ना बेड मिल रहा और ना ही सही इलाज मिल रहा है. झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भी तंज कसते हुए कहा कि एक ओर राज्य के लोग डेंगू से परेशान हैं. इसके साथ ही गिरते स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को छोड़ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता समेत पूरी कैबिनेट चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. जिले में सफाई को लेकर सन्तोषजनक काम नहीं हो रहा है और ना ही ब्लिचिंग पाउडर छिड़काव एवं फॉगिंग हो रही है. चाकुलिया क्षेत्र की जनता झारग्राम के अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं. वहीं, कुणाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत पर राज्य सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि डेंगू को आयुष्मान भारत योजना में शामिल ना करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
नाम्या स्माइल फाउंडेशन के सदस्य डॉ श्रद्धा सुमन ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू के जोखिमों को कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप मच्छरों को काटने से बचाव के लिए प्रयास करें. पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें, घर के आसपास साफ-सफाई रखें और पानी एकत्रित न होने दें. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली कि क्षेत्र के लोगों को डेंगू से बचाव हेतु सही उपचार नहीं मिल पा रहा है. मजबूरन लोगों को इलाज के लिए पड़ोसी राज्य झारग्राम के स्वास्थ्य विभाग पर आश्रित होना पड़ रहा है. स्वास्थ्य सहियाओं का ये भी कहना है कि डेंगू को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाए जिससे गरीबो को समय पर बेहतर इलाज मुफ्त में मिल सके. वहीं, एक बड़ा सवाल झारखंड सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी उठता है कि इतनी योजना के बाद भी धरातल पर इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है.
इस मौके पर दिनेश सिंह, विकास लोधा, गोपन परिहारी, पूर्णेंदु पात्र, सतप्रित सिंह, अमन भारद्वाज आदि उपस्थित थे.