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चाकुलिया सीएचसी में प्रभारी द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए आयोजित बैठक में एक वार्ड सदस्य के अलावा नहीं पहुंचे कोई जनप्रतिनिधि बीबीडी कंसल्टेड के प्रतिनिधि ने बताये बचाव के तरीके

चाकुलिया : चाकुलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू की अध्यक्षता में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिले से आए हुए बीबीडी  कंसल्टेड गीतांजलि शर्मा,, नगर प्रबंधक मोनिश सलाम तथा अस्पताल के सभी कर्मियों के साथ बैठक किया गया. इस बैठक में क्षेत्र में डेंगू से निजात दिलाने को लेकर इसकी जानकारी हेतु नगर पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था. लेकिन वार्ड संख्या 2 के पार्षद सुलेखा रानी दास के अलावा कोई भी इस बैठक में शामिल नहीं हुआ. इस दौरान गीतांजलि शर्मा ने डेंगू से बचाव हेतु कई विशेष दिशा निर्देश दी. बैठक में गीतांजलि शर्मा ने डेंगू रोकथाम के लिए प्रत्येक रविवार को ड्राई डे के रूप में मनाने का निर्देश दिया. डेंगू से निपटने के लिए क्षेत्र के लोग प्रत्येक रविवार को अपने घर के चारों तरफ घूम कर देख ले कि कहीं पानी जमा है या नहीं. अगर कहीं पानी जमा है तो उसे फेंक दे और लार्वा को बनने ही ना दिया जाय. डेंगू और चिकनगुनिया एक ही मच्छर से पनपती है. इसीलिए डेंगू से निपटने का यहीं सक्षम उपाय है. उन्होंने बताया कि इसको लेकर अगर जनता जागरुक हो जाती है तो हम सब मिलकर जल्द ही डेंगू से निपट सकते हैं. इस दौरान गीतांजलि शर्मा ने बताया कि बरसात के समय हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है और इनमें से कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है. डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है. मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है. इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं. हालांकि यदि इनकी समय पर पहचान कर ली जाये तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है. अक्सर डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू या वायरल बुखार से मिलते जुलते लगते हैं. इसलिए निम्न लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान कर ली जानी चाहिए और सही पहचान के लिए तुरंत एक ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए.

गीतांजलि शर्मा ने बताया कि स्वच्छता में ही भगवान बसते हैं:

अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए. अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं.

पानी को किसी जगह इकठ्ठा न होने दें:

किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है. जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें. गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें. मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें.

डेंगू बुखार से बचाव के उपाय:

घर के आसपास पानी जमा न होने दें.

कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले.

घर में कीटनाशक दवाई छिड़के.

बच्‍चों को ऐसे कपड़े पहने जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे.

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

मच्छर भगाने वाली दवाइयों का प्रयोग करें.

टंकियों और बर्तनों को ढक कर रखें.

डेंगू बुखार से बचाव के उपाय:

घर के आसपास पानी जमा न होने दें.

कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले.

घर में कीटनाशक दवाई छिड़के.

बच्‍चों को ऐसे कपड़े पहने जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे.

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

मच्छर भगाने वाली दवाइयों का प्रयोग करें.

टंकियों और बर्तनों को ढक कर रखें.

इस मौके पर डॉ नरेश बास्के, डॉ सुषमा किरण नाग, डॉ स्वाति कुमारी, हेमंत महतो, अनिल टुडू, संतोष कुमार, प्रवीर बेहरा, विकाश गिरी, राजेंद्र नाथ महतो, कलोल गिरी, रामकृष्ण पानी आदि उपस्थित थे.

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