रांची : ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम व उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी 39.28 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को जब्त कर लिया। इन जब्त संपत्तियों में उनकी पत्नी राजकुमारी के नाम भी कई फार्म हाउस , डुप्लेक्स, बंगला और जमीन शामिल हैं . ज्ञात हो की बिरेन्द्र राम जमशेदपुर समेत कई जिलो में अभियंता के पद पर रहे थे l पद का दुरुपयोग कर आय से करोड़ों की चल-अचल संपत्ति बनाने वाले वीरेंद्र राम के विरुद्ध मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने यह कार्रवाई की है। जब्त संपत्तियों में दिल्ली, जमशेदपुर व रांची स्थित फार्म हाउस, फ्लैट, डुप्लेक्स बंगला, जमीन और बैंक खाते में पड़े करीब 36 लाख रुपये शामिल हैं।
बिरेन्द्र राम के ज़लवा-ओ – ज़लाल ये था की सरकारें बदलती रहीं मगर वीरेंद्र राम के रसूख में कोई बदलाव नहीं आया और उनकी अवैध कमाई बढती गयी . यहाँ तक चर्चा है की बिरेन्द्र राम ने अपनी पत्नी राजकुमारी को विधानसभा चुनाव में उतारने की भी तैयारी शुरू कर दी थी इसके लिए उसे बाकायदा भाजपा की सदस्यता भी दिलाई गयी थी l बीरेंद्र राम की पत्नी भाजपा नेत्री राजकुमारी ने जुगसलाई और कांके विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी भी की थी। राजकुमारी का ज्यादा जोर जुगसलाई सीट पर था। लेकिन सर्वे में पार्टी ने उन्हें उपयुक्त प्रत्याशी नहीं पाया। इसलिए उनकी दावेदारी खारिज कर दी गई थी।
ईडी ने एसीबी जमशेदपुर द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के आधार पर मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी। इसी क्रम में ईडी को जांच में पता चला कि रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के पद पर पदस्थापित रहने के दौरान वीरेंद्र राम ने ठेकेदारों को टेंडर आवंटित करने के एवज में उनसे कमीशन के नाम पर रिश्वत के रूप में लिए गए रुपयों से अवैध संपत्ति अर्जित की थी। यही कारण था की उसकी संपत्ति लगातार बढती गयी और उसके परिवार वालों का जीवन शैली भी उच्च स्तर का होता गया l जिसके बाद वो लोगों की नज़र में आये और फिर कारवाई शुरू हुई l सूत्र बताते हैं की अभी जांच के क्रम में कई बड़े राजनेता और अधिकारीयों के नाम सामने आने वाले हैं l