जमशेदपुर: मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र होता है और ऐसे में वहां सादगी और सभ्यता जरूरी होती है। इसे देखते हुए ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने मंदिरों में प्रवेश के लिए भारतीय पारंपरिक परिधानों को जरूरी बताया है। संघ के संयोजक अप्पू तिवारी ने कहा कि देश की सभ्यता और संस्कृति बचाने की कवायद हेतु ब्राह्मण युवा शक्ति संघ प्रयासरत है। इसे लेकर संघ प्रतिनिधिमंडल द्वारा अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए पुजारियों के साथ समन्वय स्थापित कर नई शुरुआत की जाएगी। संघ ने भारतीय परिधानों में पूजा पाठ हेतु लोगों को जागरुक करने अन्यथा मंदिर में प्रवेश पर रोक की जरूरत बताई है।
अप्पू तिवारी ने बताया कि अन्य धर्मों से सनातनियों को भी सीख लेनी चाहिए और इसमें आगे बढ़कर पहल करनी चाहिए। कहा कि जिस तरह से भगवा गमछा का प्रचलन शहर में युवाओं के बीच एक नई पहचान बन गई है, वैसे ही धोती और कुर्ता अथवा साड़ी या सूट में ही मंदिर में प्रवेश होना चाहिए। इसके अलावा असमाजिक वेशभूषा जैसे कटी-फटी जिंस, स्कर्ट, शॉर्ट कपड़े एवं अंग प्रदर्शन वाले, उत्तेजक व अशोभनीय वस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश पर रोक लगेगी, तभी धर्म और धर्म सभ्यता की रक्षा संभव हो पाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति की मिशाल विदेशों में भी दी जाती है और हम लोग उसे ही अपनाने में शरमाते हैं। अप्पू तिवारी ने कहा कि इसके लिए ब्राह्मण युवा शक्ति संघ की जल्द ही एक बैठक कर इसपर गंभीरता से विचार के बाद कार्य होगा।