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दाहीगोड़ा में नेताजी की आदमकद मूर्ति स्थापित।घाटशिला वासियों में हर्ष।

Ghatshila : 127 वां नेताजी सुभाष चंद्र बोस बर्थ एनिवर्सरी सेलिब्रेशन कमेटी ,घाटशिला के द्वारा पूर्ण निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज 9:30 बजे सुबह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आदमकद मूर्ति का अनावरण किया गया । इस अवसर पर विभिन्न स्कूल बच्चों द्वारा विभिन्न मार्ग से बैंड बजे के साथ प्रभात फेरी कर बच्चे हाथ में तख्तियां लेकर नेताजी और आजाद हिंद फौज से संबंधित नारे लगाते हुए नेताजी मूर्ति स्थल दाहिघोड़ा पहुंचे तत्पश्चात एनसीसी संत नंदलाल स्मृति विद्यालय घाटशिला, एनसीसी- घाटशिला कॉलेज घाटशिला और पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा नेताजी को सलामी दी गई। डॉ शांतानु राय – आईआईटी, मद्रास के पूर्व महाप्रबंधक (अनुसंधान एवं विकास) सेल ने मूर्ति का अनावरण किया।  एच सी एल/ आईसीसी के कार्यकारी निदेशक एस एस शेट्टी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

मंच सभापति अमित सेन की अध्यक्षता में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। स्वागत भाषण उत्तम दास ने दिया। अपने वक्तव्य में श्री दास ने बताया कि यह मूर्ति स्थापना एक ऐतिहासिक पहल है और यह घाटशिला के जनता के सामूहिक पहल से संभव हो पाया लेकिन इसमें श्रीमंत बारीक के अथक प्रयास के कारण इतना जल्द मूर्ति का स्थापना हो पाया। कमेटी के अध्यक्ष श्री सेन ने कहा इसे घाटशिला की जनता को समर्पित हैं । एचसीएल / आईसीसी के कार्यकारी निदेशक ने कमेटी की इस प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा की तथा अपना हर संभव सहयोग का वादा किया। सरिता मिश्रा अपने भाषण में नेताजी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला और आने वाले पीढ़ी को उससे सीख लेने की बात कही। सुमित रॉय ने बताया कि नेताजी का जीवन संघर्ष न्याय प्रिय, अन्याय का प्रतिरोध, साहस और धैर्य का प्रतीक है।
‌ डिवाइन कान्वेंट के बच्चों ने नेताजी के स्कूली जीवन आधारित एक नाटक का मन्चन किया। संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर, एसएसआरएम, मारवाड़ी प्लस टू स्कूल, मॉडल स्कूल , लोरेटो कॉन्वेंट, प्राइम पब्लिक स्कूल, शिशु विद्या मंदिर मुसाबनी, ब्लू व्हेल स्कूल नरसिंहगढ़, गिधनी कोचिंग सेंटर आदि ने अपने प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया।
कमेटी के सचिव मुकुल महापात्र ने 5 दिसंबर 1939 में नेताजी का एल्बम आगमन का स्मृति शरण करते हुए बताया कि धालभूम के साथ नेताजी का गहरा संबंध रहा और उसे जीवित रखने में कलिकापुर का भगत परिपार का महत्वपूर्ण योगदान रहा अनुपम भगत उसके सार्थक हैं जिन्होंने नेताजी द्वारा प्रयोग में ले गए कुछ वस्तुओं कुर्सी टेबल चादर इत्यादि का प्रदर्शनी किए।
कमेटी के सह सचिव ने बताया कि सिर्फ मूर्ति स्थापना करना हमारा मकसद नहीं हमारा मकसद आने वाले पीढ़ी को सच्चाई से रूबरू करना है ।उक्त अवसर पर पानमुनी मुंडा, सुबोध कुमार माहली, गुणधार सासमल,बी सी दास, राजेश दास, रंजन दास ,अम्लान राय ,सत्यजित कुंडू, सुशांतो सेट ,अर्जुन लोहार, अनुपम भगत,डॉ सरोज शाव, दीपक शाव, कृष्ण चंद्र शाव, नवीन महतो ,कला चंद कुमार अर्कप्रिया महापात्र, अफ्रीदा मुस्कान, सागरिका महापात्र, प्रबीर नमता, सनातन दास खोकन राहुल, जगदानंद घोष, सत्या सिट, मोहम्मद जावेद, धनु टुडू ,पूर्णिमा रानी टुडू ,लक्ष्मी मुंडा दुर्गा सोरेन, लखीकांत बारीक आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का समापन विजय प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण के साथ हुआ।

 

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