सांसद बिद्युत बरण महतो ने लोकसभा में धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का मामला उठाया। सांसद ने इस मामले में झारखंड सरकार की उदासीनता एवं निष्क्रियता की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि झारखण्ड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिला अन्तर्गत धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण के लिए दिनांक 24.01.2019 को भूमि पूजन सम्पन्न हो चूका है एवं इस एयरपोर्ट के निर्माण एवं विकास के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा स्वीकृति दे दी गई है और लगभग 100 करोड़ रूपये का आवंटन भी किया है।
धालभूमगढ एयरपोर्ट का निर्माण तीनों पूर्वी राज्य झारखण्ड, प0 बंगाल एवं ओड़िसा के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उल्लेखनीय है कि इस एयरपोर्ट से तीनों राज्यों के तीन बड़े औद्योगिक क्षेत्र को विकास की एक नई दिशा मिलेगी। झारखण्ड का जमशेदपुर एवं आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, पश्चिम बंगाल का पुरुलिया एवं खड़गपुर औद्योगिक क्षेत्र एवं ओड़िसा का बालासोर (बालेश्वर) औद्योगिक क्षेत्र इस प्रस्तावित एयरपोर्ट से मात्र 50 से 100 किलोमीटर के भीतर स्थित है।
इस एयरपोर्ट के लिए अबतक झारखण्ड राज्य के वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ इंडिया (AAI) को नहीं प्रदान किया गया है एवं नागरिक उडडयन मंत्रालय को इससे संबंधित प्रस्ताव झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा नहीं भेजा गया है। सांसद ने कहा की उनके द्वारा 04.03.2022 को झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर करने के संबंध में एक ज्ञापन देकर इस संबंध में वार्ता भी की थी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक सहयोग का आश्वासन भी दिया था। परंतु वर्तमान राज्य सरकार के उदासीनता के कारण यह योजना अभी तक लंबित है।
सांसद ने सदन के माध्यम से भारत सरकार से मांग किया कि झारखण्ड सरकार से बात करके इस समस्या के निदान की दिशा में सकारात्मक पहल करें l