राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त , मानहानि मामले में 2 साल की सजा के बाद लोकसभा स्पीकर ने लिया फैसला , कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा सच बोलते रहेंगे

मानहानि केस में सूरत की कोर्ट से गुरुवार को 2 साल की सजा मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय से पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई.  राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है  चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’ इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।

राहुल 2013 में अध्यादेश न फाड़ते तो आज उनकी सदस्यता न जाती :

2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सांसद या विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तत्कालीन मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लाई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो सकता था। 24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने पहुंचकर कहा था- ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए। उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। इसके बाद तब की सरकार ने ये अध्यादेश वापस ले लिया था।

क्या कहा कांग्रेस अध्यक्ष ने : 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की  भाजपा ने राहुल को अयोग्य घोषित करने के लिए सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो पसंद नहीं करते, लेकिन हम सच बोलते रहेंगे। राहुल का बयान किसी समाज के संबंध में नहीं है, जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे?

लोकसभा सचिवालय ने पत्र किया जारी : 

 

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