Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

दुमका : बेटी को इतनी बेरहमी से पीटा कि अस्पताल में हो गयी भर्ती अस्पताल के ओडी स्लीप पर भी नगर थाना ने दर्ज नहीं किया बयान सीडब्ल्यूसी ने किशोरी और उसके भाई को बालिकागृह में आवासित किया

दुमका बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सूचना मिली कि शहर के रसिकपुर मोहल्ले की रहनेवाली एक किशोरी को उसके पिता ने इतनी बेरहमी से पिटाई की है कि वह दो दिनों से अस्पताल में भर्ती है। शुक्रवार की सुबह चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार और सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय उस किशोरी से मिलने अस्पताल के मेडिसिन वार्ड पहुंचे। वहां बताया गया कि किशोरी को सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। सर्जिकल वार्ड जाने पर नर्स ने किशोरी का जो बेड बताया वहां वह नहीं थी। पता चला कि गुरूवार शाम के बाद से किशोरी को कोई दवा नहीं दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि किशोरी को डिस्चार्ज नहीं किया गया है पर वह खुद घर चली गयी है। सीडब्ल्यूसी के आदेश पर चाइल्डलाइन दुमका की टीम मेंबर शांतिलता हेम्ब्रम ने किशोरी और उसके 07 वर्षीय भाई को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवाई की। अपने बयान में इंटर में पढ़नेवाली किशोरी ने बताया कि उसकी मां ने पिता के साथ झगड़ा होने के बाद वर्ष 2019 में किरासन छिड़क कर आग लगा ली थी जिससे इलाज के क्रम में उसकी मृत्यु हो गयी। उसके बाद से उसके पिता उसे और उसके छोटे भाई के साथ प्रायः मारपीट करते हैं। पिछले वर्ष दुर्गापूजा के समय उसके पिता ने उसके गर्दन पर हंसुआ से वार कर दिया था जिसका निशान भी किशोरी ने दिया। उसने बताया कि 14 जून को पिता ने उसकी बेरहमी से पिटाई की जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी। पिता ने ही उसे रात में अस्पताल पहुंचाया जहां उसे भर्ती कर लिया गया। उसने चेहरे पर दोनों ऑंख के नीचे बने काले निशान को भी दिखाया। किशोरी ने यह भी बताया कि पिता उसके छोटे भाई को बेल्ट से पीटते हैं। बयान के दौरान किशोरी ने बताया कि उसने सुबह से कुछ नहीं खाया है। समिति ने तत्काल उसे व उसके भाई को संप्रेक्षण गृह में भोजन करवाया। उसके पिता ने अपने बयान में बताया कि वह तीन भाई और एक बहन है। वह अपने माता-पिता और दोनों भाईयों से अलग रहता है। 14 जून की शाम 7 बजे वह पोल्टी मुर्गा लेकर आया था और बेटी को बनाने को कहा। उसके साथ उसके कुछ दोस्त भी आये थे। बेटी ने मुर्गा बनाने से इनकार कर दिया और उसे अपशब्द कह दिया जिससे गंभीर आक्रोश में आकर उसने बेटी को पीट दिया। फिर उसे अस्पताल पहुंचाया। 15 जून को भी बेटी से जाकर अस्पताल में मिला। पर उसे यह नहीं मालुम कि बेटी को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया था बल्कि वह खुद आ गयी थी। पिता ने स्वीकार किया कि पूर्व में भी उसने अपनी बेटी के साथ मारपीट की है और कहा कि गलत करेगी तो वह मारेगा ही। इस पूरे प्रकरण की जांच के दौरान समिति को पता चला कि 14 जून को अस्पताल में भर्ती किये जाने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा ‘एसल्ट बाय फादर’ के रूप में नगर थाना को ओडी स्लीप भेजा था पर नगर थाना पुलिस ने किशोरी का बयान दर्ज नहीं किया जबकि जेजे एक्ट के सेक्सन 75 के तहत यह ‘क्रुएल्टी अगेंस्ट चाइल्ड’ है, जिसके लिए 3 साल तक सजा और 1 लाख रूपये जुर्माना तक का प्रावधान है।  समिति ने शुक्रवार को नगर थाना प्रभारी के सरकारी मोबाइल पर फोन किया तो मुंशी ने फोन उठाया और देख कर बताने की बात कही पर कई बार फोन किये जाने के बाद भी समिति को कोई जानकारी नहीं दी गयी। समिति ने बालिका के सर्वोत्तम हित में सुरक्षा के लिहाज से किशोरी और उसके भाई को धधकिया स्थित बालगृह में आवासित कर दिया है।

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

राशिफल

error: Content is protected !!