सात भाई बहनों में दामिनी दूसरे नंबर पर जरूर है लेकिन बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिविजन से पास कर पूरे जिला का नाम रौशन किया है. सबर परिवारों में पढ़ाई-लिखाई का बेहतर माहौल मिल पाना कल्पना से परे जरूर है. लेकिन दामिनी ने उन सभी मिथकों को तोड़ते हुए जो काम किया है उसपर हम सभी को गर्व है. ये बातें उपायुक्त विजया जाधव ने दामिनी से मुलाकात के दौरान कही. बोर्ड परीक्षा में दामिनी को 67 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं. अखबार के माध्यम से खबर मिलने के बाद उपायुक्त ने दामिनी से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. इस दौरान दामिनी जब सोमवार को उपायुक्त से मुलाकात करने उनके कार्यालय में पहुंची तो भावनाओं को ज्वार दोनों ओर था. दामिनी जहां उपायुक्त से मुलाकात को लेकर विश्वास नहीं कर पा रही थी तथा यह मौका देने के लिए बार-बार धन्यवाद जता रही थी. वहीं उपायुक्त भी दामिनी की पारिवारिक कहानी सुनकर भावुक हो गईं. करीब आधे घंटे तक उन्होने दामिनी से काफी स्नेह से बात करते हुए उसके पारिवारिक पृष्ठभूमि को जाना तथा हरसंभव मदद को लेकर भरोसा दिया. दामिनी ने पढा़ई लिखाई में हमेशा प्रेरित करने के लिए चाकुलिया की लेडी सुपरवाइजर सविता सिन्हा एवं अपने विद्यालय केएनजे के शिक्षकों के प्रति आभार जताया. बताया कि लेडी सुपरवाइजर मैडम से अपनी परेशानी बताई तो अपना समय निकालकर ऑफिस से आने के बाद ट्यूशन भी पढ़ाती थीं.
ट्रेन में भीख मांगते हैं भाई-बहन- दामिनी को मिलने वाले सम्मान को देखकर कहते हैं अब पढ़ाई करेंगे
चाकुलिया नगर पंचायत के सामने वाजपेयी नगर में रहने वाले दामिनी के परिवार में मां जेसिन सबर तथा 6 और भाई बहन हैं. पिता का स्वर्गवास हो चुका है. मां राजमिस्त्री का काम करती हैं. दामिनी से बड़ा एक भाई है अन्य 4 भाई व एक बहन उससे छोटे हैं. दामनी बताती है कि उसके सभी छोटे भाई बहन चाकुलिया रेलवे स्टेशन व ट्रेन में भीख मांगते हैं. लेकिन बोर्ड परीक्षा में सफल होने के बाद उसे मिलता सम्मान देख सभी ने आगे पढ़ाई जारी रखने की इच्छा जाहिर की है. उपायुक्त द्वारा दामिनी का नामांकन कस्तूरबा विद्यालय चाकुलिया में कराने के साथ साथ सभी भाई बहनों को भी स्कूल में नामांकन कराने की बीत कही गई. इस मौके पर उपायुक्त ने दामिनी को पेन, किताब, खाने-पीने का सामान के साथ-साथ उसके भाई बहनों के लिए भी ढेर सारा उपहार दिए. साथ ही आगे भी ऐसे ही मन लगाकर पढ़ाई जारी रखने की बात कही. दामिनी ने उपायुक्त से उनका फोन नंबर मांगा तो उन्होने भी तुरंत पेज में लिखकर अपना फोन नंबर देते हुए कहा कि बेटा कहीं भी पढ़ाई लिखाई से संबंधित कोई दिक्कत या अन्य कोई समस्या आए तो जरूर बताना. दामिनी की इस उपलब्धि पर उपायुक्त ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिस विषम परिस्थिति में इस बच्ची ने किताब-कॉपी को हथियार बनाकर जीवन को संवारने की भरसक कोशिश की है ऐसे उदाहरण बिरले ही हमारे सामने आते हैं. उन्होने दामिनी की मुक्तकंठ से तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी जीवटता बहुत कम ही देखने को मिलती है जो दामिनी ने कर दिखाया वे सबर परिवारों के लिए रोल मॉडल तो है कि आम परिवारों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं. उपायुक्त ने उसके परिवार को मिलने वाले सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में पूछा, परिवार में मां को विधवा पेंशन मिल रहा है. परिवार को राशन मिलता है तथा दामिनी को पूर्व में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना तथा वर्तमान में भी मुख्यमंत्री सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ मिल रहा है. घर का हालत जर्जर है जिसपर उपायुक्त ने अन्य सभी सरकारी योजनाओं से भी दामिनी के परिवार को आच्छादित करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया.