चाईबासा – चाईबासा के पीलाई टाउन हॉल मैदान में श्रीरामचरित मानस प्रचार मंडल के 70वें अधिवेशन के दूसरे दिन आज अपराहन को ज्ञान यज्ञ सत्र में प्रवचन करते हुए कानपुर से पधारे देश के प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रशांत जी महाराज ने पार्वती मोह पर विशद विवेचना कर श्रद्धालुओं को बताया की ” माया और मोह में पड कर सती जी ने बनवासी राम को नहीं पहचाना और उनकी परीक्षा लेने चली गई थी। जिसका परिणाम यही हुआ की भगवान आशुतोष ने उनका त्याग कर दिया। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ ने इसी प्रसंग को और आगे बढ़ाया और लोगों को इस संसार के मायाजाल से बचने का मार्ग बताया ” उन्होंने कहा कि कल्याण का मार्ग एक ही है भगवान नाम का बार-बार स्मरण करना । इसके लिए आवश्यक है की हर दिन भगवान की कथा का श्रवण करें और श्रवण इंद्री से हृदय में उतारे और रोज कीर्तन करें । इस युग में यही एकमात्र कल्याण का मार्ग है । स्वामी जी के शिष्य वरुणेंद्र जी ने भी श्रद्धालुओं को भगवान नाम की महिमा बताइ।
इस कार्यक्रम के संबंध मे श्री रामचरित मानस प्रचार मंडल चाईबासा के अध्यक्ष विकास चंद्र मिश्रा ने बताया कि आज सुबह मे भगवान विष्णु के महायज्ञ में विधि विधान से अग्नि प्रज्वलित कर यज्ञ का प्रारंभ किया गया, जिसमे उपस्थित होकर शहर के भक्तगणों ने भरपूर आनंद लिया!
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