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चाकुलिया के रेंगड़पाहाड़ी गांव में बांस से बने उत्पाद बनाने के दिया जायगा प्रशिक्षण, उपलब्ध होगा रोजगार

चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत बिरदोह पंचायत के रेंगड़पाहाड़ी गांव में ग्रामीणों के साथ सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम शिल्प कला सहकारी समिति लिमिटेड, राँची द्वारा बैठक किया गया. इस दौरान झारखंड सरकार की बेम्बू कारिगरी विकास योजना के अंतर्गत बांस शिल्प क्लस्टर चिन्हित किया गया. बम्बू क्राप्ट क्लस्टर रेंगड़पाहाड़ी के रूप में ग्रामीण आदिवासी महिला पुरुषों को रोजगार उपलब्ध करवायेगा. जिसमें बेम्बू क्राप्ट क्लस्टर में बांस से सोफा, कुर्सी, घरेलू उपयोग की चीजों के साथ ही लेम्प, फ्लावर पार्ट, घड़ी, ज्वेलरी, नेकलेस, ईयर रिंग, पलंग, ट्रे, व अन्य सामाग्री का निर्माण सिखाये जायेंग. कार्य के लिए 100 से अधिक स्थानीय आदिवासी युवा व युवतियों द्वारा कार्य को प्रारंभ किया जाएगा. पिछले कुछ साल में देश में बांस की महत्ता पर जोर दिया जा रहा है. बांस एक ऐसा वृक्ष है जो आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही रोजगार के मौके भी देता है. इसकी एक बानगी कुछ दिनों बाद रेंगड़पाहाड़ी गांव में भी देखने को मिलेगी. जहां बांस और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कर नए इनोवेटिव तरीके से सामग्री का निर्माण होगा. यहां घर में प्रयोग होने वाले एक से बढ़ कर एक सामान का भी उत्पादन किया जाएगा. इस मौके पर प्रोजेक्ट इंचार्ज शैलेन्द्र कुमार, बाल विकास परियोजना के पर्यवेक्षक सबिता सिन्हा, महिला समूह के प्रखंड कॉर्डिनेटर सुमी मार्डी, प्रखंड प्रमुख धनंजय करुणामय, हरेन माहाली, हरिश्चंद्र माहाली, ठाकुरदास माहाली, खगेश्वर माहाली, लक्ष्मण माहाली, असित माहाली, दिपाली माहाली, सरस्वती माहाली, कृष्णा माहाली, रिना माहाली, टुसीया माहाली, झरना माहाली, लिलावती माहाली, बासंती माहाली, राधी माहाली, बड़ामिनी

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