चाईबासा : सरायकेला-खरसावां में बुधवार को आदित्यपुर थाना क्षेत्र में हुए स्क्रैप सिंडिकेट में खूनी झड़प का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है. कारण कि इस मामले में पीड़ित जयसवाल बंधुओं पर ही एक मामला दर्ज कर लिया गया है. हालांकि घटनास्थल घोड़ाबाबा टाल से पकड़े गए दो आरोपियों अमित सिंह और एक अन्य को पुलिस ने जेल भेज दिया है, फिर भी इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और तह तक जांच जरूरी है.
इस मामले में आदित्यपुर थाना प्रभारी नीतिन सिंह को भी बदल दिया गया है. अब नये थाना प्रभारी राजीव सिंह के सामने बड़ी चुनौती है कि इस मामले में पुलिस और आरोपियों की भूमिका की जांच कर पूरे मामले का खुलासा करे.
इधर अभिषेक जयसवाल की पत्नी अन्नू जयसवाल और अन्य कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथे के कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंप चुके है. डीआईजी को सौंपे गए ज्ञापन में अन्नू जयसवाल ने आरोप लगाया है कि इस मामले में थाना प्रभारी नीतिन सिंह की भूमिका संदिग्ध है और हमारे पति व जेठ पीड़ित हैं, फिर भी हम पर ही जबरन एक फर्जी मामला दर्ज कर दिया गया है. अन्नू की मानें तो इस मामले में स्क्रैप माफिया लाईजनर मुन्ना जयसवाल और एसपी ऑफिस के निलंबित सिपाही ओम प्रकाश सिंह भी शामिल हैं. श्रीमति जयसवाल ने आरोप लगाया है कि मुन्ना ने ही अभिषेक को फोन करके टाल से बाहर निकलने के लिए जल्द भाग जाओ बोलकर फोन किया, ताकि बाहर आते ही हमला किया जा सके.
उसने आरोप लगाया है कि एक ऑडियो वायरल होने पर ओम प्रकाश निलंबित हुए और तभी से साजिश रची जा रही थी.
उसने कहा कि घटना में साक्ष्य छुपाने के लिए घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज से वीडियो डिलीट करवाए गए हैं, ताकि आरोपियों को बचाया जा सके. अन्नू जयसवाल ने बताया कि इस मामले में किसी बड़े नेता की पैरवी के कारण ही मेरे पति, जेठ, भतीजा और मामा ससुर को फर्जी मामले में आरोपी बनाया गया है.
ज्ञापन में लिखा गया है कि घटना में 15-20 लोगों ने अपहरण का प्रयास और हमला किया था जिसमें अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर हमें जान का खतरा है. उसने शिकायत पत्र में लिखा है कि घोड़ाबाबा मंदिर के पास घटी. इस घटना को दर्जनों राहगीरों और आस-पास के लोगों ने भी देखा है.