झारखण्ड हाई कोर्ट में जमशेदपुर के सहायक उत्पाद आयुक्त एवं जेएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई कोर्ट ने सशरीर उपस्थित होने का दिया आदेश

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रांची : जमशेदपुर में सरकारी विदेशी शराब दुकानों का संचालन कर रही प्लेसमेंट एजेंसी वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड द्वारा झारखण्ड उच्च न्यायालय में सहायक उत्पाद आयुक्त जमशेदपुर कुमार एवं झारखण्ड राज्य विबरेज कारपोरेशन लिमिटेड रांची के प्रबंध निदेशक विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ दायर अवमानना याचिका संख्या -6157 /2025 पर  मुख्य न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव एवं न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए सुनवाई की.

अदालत में इस मामले में वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड का पक्ष रखते हुए झारखण्ड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता जैद इमाम ने अदालत को बताया की उत्पाद विभाग ने दिनांक 11 अप्रैल, 2025 को कम्पनी को कारण बताओ नोटिस  देते हुए उत्पाद विभाग ने 20 करोड़ रुपयों को जमा करने का निर्देश दिया था . जिसपर पहले से ही एक याचिका रिट याचिका संख्या – 661/2025 दिनांक – 26 मार्च, 2025 अदालत में लंबित थी. इसके बावजूद जेएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक के हवाले से 11 अप्रैल, 2025  को वसूली के लिए नोटिस फिर से थमा दिया गया . इसपर वेबेल कम्पनी द्वारा दिनांक – 10 / 06 / 2025 को पुनः एक रिट याचिका क्रमांक – 5257 /2025 दायर किया गया. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने स्पष्ट कहा की प्रथम दृष्टया दिनांक 11 अप्रैल, 2025 का कम्पनी को कारण बताओ नोटिस, 26 मार्च, 2025 के रिट याचिका संख्या – 661/2025 में दिए गए आदेश के पैरा संख्या 3 में निहित निर्देशों के अनुरूप नहीं है, जिसमें प्रतिवादी पक्षकार हैं। इसलिए, अगले आदेश तक उक्त कारण बताओ नोटिस के तहत आगे की सभी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाई जाती है. मामले की अगली सुनवाई अब 5 अगस्त 2025 को होगी. यानी अदालत ने उक्त वसूली पर अंतरिम स्टे लगा दिया. जिसके बाद उच्च न्यायालय के अगले आदेश तक जेएसबीसीएल को प्लेसमेंट एजेंसी वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड पर वसूली सम्बन्धी किसी भी तरह की कारवाई नहीं करनी थी. मगर हुआ इसका उल्टा जमशेदपुर उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त अजय कुमार ने इस अंतरिम रोक का आदेश पारित होने के ठीक अगले दिन यानी 11 जून 2025 को पुनः एक पत्र पत्रांक संख्या – 712 दिनांक – 11 जून 2025 जारी कर वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड को फिर से बीस करोड़ बाईस लाख चौतींस हज़ार नौ सौ तीस रुपये जमा करने का फरमान जारी कर दिया.

इस नोटिस के बाद पुनः वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाते हुए जेएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक विजय कुमार सिन्हा व जमशेदपुर उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त अजय कुमार के खिलाफ एक अवमानना याचिका संख्या -6157 /2025 दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई .

याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव एवं न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए इस मामले को अदालत के आदेश की अवमानना माना और कहा की चूंकि प्रथम दृष्टया डब्ल्यू.पी.(सी)(फाइलिंग) संख्या 5257/2025 में 10.06.2025 को दिए गए अंतरिम आदेश का स्पष्ट उल्लंघन प्रतीत होता है, अतः अवमानना ​​मामले को स्वीकार किया जाता है तथा दोनों विपक्षी पक्षों को झारखंड उच्च न्यायालय नियम, 2001 के नियम 393 के अंतर्गत प्रपत्र-I में नोटिस जारी किया जाता है.

क्या कहता है नियम 393 के अंतर्गत प्रपत्र-I की नोटिस – इस नियम के तहत जारी आदेश में प्रावधान है की जबतक अवमानना याचिका पर कोई भी निर्णय अदालत द्वारा नहीं लिया जाता है तबतक जिनपर ये मामला चल रहा है उन्हें हर सुनवाई पर सशरीर अदालत में उपस्थित रहना पड़ेगा . यानी अब  जेएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक विजय कुमार सिन्हा व जमशेदपुर उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त अजय कुमार अदालत का अवमानना मामले का सामना करते हुए हर तिथि पर अदालत में उपस्थित होंगे.

वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड के अधिवक्ता जैद इमाम ने बताया की वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड का  उत्पाद विभाग से कर्मचारियों का वेतन ओर ओवरटाइम भत्ता मद में करीब 28 करोड़ रुपयों का हिसाब अभी बकाया है . जिसका मामला अदालत में लंबित है ऐसे में अदालत द्वारा लगाई गयी अंतरिम रोक के बावजूद भी उत्पाद विभाग को रकम वसूलने की इतनी जल्दी है की वो  उच्च न्यायालय का आदेश भी नहीं मान रहा है . ये आश्चर्यजनक है. अब न्यायालय के अगले आदेश का इंतज़ार है पूरी उम्मीद है की न्याय मिलेगा .

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