लम्बा अपराधिक इतिहास है बालू तस्कर सुशील अग्रवाल का एससीएसटी केस में जा चुका है जेल थाना प्रभारी डाडेल ने हथकड़ी और कमर में रस्सा लगा कर सरेआम घुमाया था पूरा जादूगोड़ा बाज़ार

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जादूगोड़ा : खुद को ईमानदार पत्रकार कहने वाला जादूगोड़ा का तथाकथित पत्रकार और कुख्यात बालू और पत्थर तस्कर सुशील अग्रवाल का काफी लम्बा अपराधिक इतिहास रहा है l इसके समाज विरोधी अपराधों की फेरहिस्त इतनी लम्बी है की उसपर किताब लिखी जा सकती है l

सबसे पहले सन 2005 में यह जादूगोड़ा मोड़ निवासी दिनानाथ साह के साथ हुए मुकदमा में जेल गया था l तब जादूगोड़ा में जदू साव थाना प्रभारी हुआ करते थे l दीनानाथ साव से सुशील का रुपयों का लेन-देन था सुशील ने उस व्यापारी से रूपया लिया और फिर उसे हज़म कर गया l जब दीनानाथ साह अपना रुपया मांगने सुशील के पास पहुंचे तो सुशील ने उनपर हमला कर दिया जिसके बाद उसपर जादूगोड़ा थाना कांड संख्या -06/05  दिनांक – 08/02/2005 भा० द० वि० की धारा 341/ 323/ 379/ 406/ 419 /420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी l जिसमे इसे जेल जाना पड़ा था l काफी दिन जेल में रहने के बाद जब सुशील रिहा हुआ तो कुछ दिन तो सब ठीक चला फिर से उसने अपना वही पुराना धंधा शुरू कर दिया l इसी बीच वर्ष 2013 में इसने आदिवासी दिलीप सिंह की जमीन पर अवैध ढंग से कब्ज़ा कर लिया और बांस से घेर दिया l जब दिलीप सिंह अपनी जमीन पर साफ़ -सफाई करने गया तो सुशील और इसके भाई संतोष अग्रवाल ने मिलकर उसे जातिसूचक गाली – गलौज किया जिसके बाद दोनों भाइयों पर जादूगोड़ा थाना कांड संख्या – 23/13 दिनांक – 18-03-2013 भा० द० वि० की धारा 341 / 342 / 323 / 504 /  34 तथा 3 ( X) अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया l

इस काण्ड का पर्यवेक्षण भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी घाटशिला कार्तिक एस के द्वारा किया गया और मामले को सत्य पाने के बाद दोनों भाईयों के खिलाफ गिरफ़्तारी का वारंट जारी हुआ l मगर उस समय सुशील अग्रवाल एक दैनिक अखबार से जुड़कर अपने सारे काले कारनामो को अंजाम दे रहा था l पूरे जादूगोड़ा क्षेत्र के व्यापारी और संभ्रांत वर्ग में इसका अतानक था l ऐसे में जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो उसने अपने तेवर दिखाए l मगर तब के ईमानदार तत्कालीन थाना प्रभारी नयनसुख डाडेल ने इसकी एक नहीं सुनी और सरेमाम सुशील और इसके भाई संतोष अग्रवाल को हाथों में हथकड़ी लगा कर कमर में रस्सा बाँध कर पूरा जादूगोड़ा बाज़ार पैदल घुमाया था l मकसद एक था की दोनों भाईयों के आतंक से जादूगोड़ा के शरीफ शहरियों को मुक्त करवा दिया जाये l नयनसुख दाडेल इस काम में सफल भी रहे l इनके जेल जाने के बाद काफी समय तक जादूगोड़ा के शरीफ और संभ्रांत लोग राहत महसूस करते रहे l

काफी लम्बे समय तक जेल में रहने के बाद फिर जब सुशील और उसका भाई जेल से रिहा हुए तो कुछ समय तक तो सब ठीक चला मगर फिर से वो अपने पुराने भयादोहन करके रूपये कमाने के धंधे में जुट गया l इस बीच उसे आईडिया आया की केवल भयादोहन करके अपना पेट नहीं पाला जा सकता तो वो बालू और पत्थर के अवैध धंधे में उतर गया l इस काम उसने फिर से अपने छोटे भाई संतोष को शामिल कर लिया l इस दौरान इसने अवैध बालू और पत्थरों को खपाने का बड़ा अच्छा आईडिया निकाला वर्ष 2017 में जादूगोड़ा के स्वास्पुर में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण हो रहा था सुशील अग्रवाल और इसका भाई संतोष अग्रवाल ने अवैध तस्करी का बालू निर्माणाधीन पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ही जमा करना शुरू कर दिया और वहीँ से ठेकेदारों को आपूर्ति करके अवैध कमाई शुरू कर दी l

इस बात की भनक मुसाबनी के पुलिस उपाधीक्षक अजित कुमार विमल को पड़ गयी बस फिर क्या था 28 फ़रवरी 2017 की सुबह पुलिस उपाधीक्षक विमल , अंचल अधिकारी साधुचरण देवगम, प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष गुप्ता एवं पुलिस निरीक्षक रामजी महतो की टीम ने छापेमारी कर दी l उस समय 50 ट्रक बालू और गिट्टी जब्त की गयी थी l जिसकी कीमत लाखों में थी l जिसके बाद अवैध लघु खनिज की चोरी ,भण्डारण और विक्रय के लिए सुशील अग्रवाल को तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी व्यंकटेश प्रसाद सिंह ने तत्काल नोटिस जारी करते हुए कारवाई के लिए जादूगोड़ा थाना को पत्र लिखा था जिसके बाद जादूगोड़ा थाना काण्ड संख्या 09 / 17 दिनांक – 28 / 02 / 2017 भा० द० वि० की धारा 379 , 54 (1 ) M.M.C. RULE एवं 21 MMDR ACT के तहत मामला दर्ज किया गया l इस प्रकार सुशील और उसके भाई ने अवैध बालू और पत्थर के व्यापार से अपना काला साम्राज्य खड़ा कर लिया l जिसके बाद इनपर मुक़दमे दर्ज होते गए मगर दोनों भाईयों को पत्थर और बालू की तस्करी का ऐसा चस्का लगा की वो आज भी जारी है l करोड़ों रुपयों का अवैध कारोबार करने वाले सुशील ने कभी अपनी कमाई से सरकार को एक रुपया भी जीएसटी जमा नहीं किया l ये भी एक गहन जांच  का विषय है l दूसरों पर ऊँगली उठाने वाले सुशील का दामन खुद कितना दागदार है इस बात का उसे अंदाज़ा नहीं है l या वो खुद को नियम कानून से भी ऊपर समझता है l ये तो वही जाने l मगर झारखण्ड जागरण के पास सुशील अग्रवाल के काले कारनामो और उसपर दर्ज सभी मुकदमो की पूरी सूचि उपलब्ध  है l आने वाले एपिसोड में अभी इसके कई काले कारनामो को सबूत के साथ अपने पाठको के समक्ष प्रस्तुत किया जायगा l

और पढ़ें

Durga Pooja Update : उपायुक्त ने किया घाटशिला के पूजा पंडालों और विसर्जन घाटों का निरीक्षण भीड़ नियंत्रण यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने का दिया निर्देश सेंट्रल दुर्गा पूजा के पदाधिकारी भी रहे उपस्थित