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दुमका : कोयला उत्खनन के बाद ग्रामीणों ने की भूमि वापसी की मांग, गाँव में आयोजित बैठक में साफ़ किया अपना रुख

दुमकाः दुमका के ग्रामीण कोयला उत्खनन के बाद जमीन को वापस देने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर स्थानीय लोग लगातार हंगामा भी कर रहे हैं। इसी क्रम में साउथ कोल ब्लॉक के बैनर तले नवेली उत्तरप्रदेश पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड ने कोल ब्लॉक से प्रभावित दुमका जिला के गोपीकांदर प्रखंड के मोहुलडाबर, कुंडापहाड़ी और चिरुडीह गांव में बैठक आयोजित की। यह बैठक कोल ब्लॉक से प्रभावित परिवारों की समस्याओं का समाधान के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन रैयतों ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि कोयला उत्खनन करने के बाद जमीन को समतल कर रैयतों को वापस करना होगा होगा।

बैठक तीनों ही गांवों में गुरुवार को अलग-अलग समय में रखी गई थी। बैठक में एनयूपीपीएल के अधिकारियों के अलावे मुख्य रूप से दुमका उपायुक्त रविशंकर शुक्ला शामिल हुए। उपायुक्त ने मोहुलडाबर और कुंडापहाड़ी ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और हर संभव उसके समाधान का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान पेंशन और जाति-निवासी की समस्याओं का मुद्दा भी छाया रहा।

बैठक के दौरान कंपनी ने तीनों गांव के 5-5 रैयतों के बीच पोशाक का वितरण किया। इस दौरान उपायुक्त और कंपनी के अधिकारियों ने रैयतों को यह आवश्वासन दिया कि मोहुलडाबर के 137, कुंडापहाड़ी के 215 और चिरुडीह के 208 रैयतों के बीच पोशाक का वितरण शुक्रवार को किया जाएगा। पोशाक में दो बैग सहित आदिवासी परिधान के कपड़े रखे गए हैं। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को तीनों गांव के ग्राम प्रधान के पास बाकी पोशाक पहुंचा दिया जाएगा, जिसे बाद में रैयतों में बांटा जाएगा। हालांकि रैयतों में यह चर्चा होता रहा कि क्या पोशाक देने के लिए ही यह बैठक रखी गई है।

बैठक में उपायुक्त के अलावे अपर समाहर्ता राजीव कुमार, जिला परिषद सदस्य निशा शबनम हांसदा, प्रखंड प्रमुख मरसीलता मरांडी, सांसद प्रतिनिधि संतोष मरांडी, नवेली के सीजेएम सुरजीत दास, चीफ मैनेजर अनुज कुमार, डिप्टी चीफ मैनेजर विश्वेष कोंडल्या, डीसीएम अमरकांत सिन्हा सहित अन्य शामिल थे।

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