अवैध कब्जे की आदिवासी जमीन पर खड़ा है कुख्यात गिट्टी – बालू तस्कर सुशील अग्रवाल का आशियाना सीआई की जांच रिपोर्ट से हुआ खुलासा कभी भी हो सकती है कारवाई

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जादूगोड़ा : जादूगोड़ा क्षेत्र के ब्लैकमेलिंग गिरोह के मुख्य सरगना सह कुख्यात गिट्टी – बालू तस्कर सुशील अग्रवाल के गुनाहों की परत दर  परत अब खुलनी शुरू हो गयी है l अखबार में गलत खबर छाप -छाप कर सरकारी जमीन की अफवाह फैला कर प्रशासनिक अधिकारीयों को गुमराह कर इसने कई गरीबों की झोपड़ियों को जमींदोज करवाया है l यह बात अलग है की अब झारखण्ड उच्च न्यायालय ने पोटका के अंचल अधिकारी द्वारा की गयी कारवाई पर ही प्रश्न उठाते हुए सभी कारवाई पर रोक लगा दी है l मगर इस सफेदपोश अपराधी ने गलत ढंग से रुपयों की वसूली के लिए अधिकारीयों से सांठ – गाँठ कर  जिन गरीबों का आशियाना उजड़वाया उनका क्या दोष था ?

अब बात करते हैं बालू गिट्टी तस्कर सुशील अग्रवाल के आशियाने की l दूसरों की जमीन की वैधता पर लगातार ऊँगली उठाने वाला ये नामचीन आदतन अपराधी ये कैसे भूल गया की वो खुद एक गरीब आदिवासी की जमीन पर कब्ज़ा किये बैठा है l जिसके चक्कर में जादूगोड़ा के तत्कालीन थाना प्रभारी नयनसुख डाडेल ने इसे सरेआम हथकड़ी लगा कर इसके बालू गिट्टी तस्कर भाई संतोष अग्रवाल के साथ नंगे पाँव कमर में रस्सा लगा कर पूरे जादूगोड़ा बाज़ार में पैदल घुमाते हुए जादूगोड़ा मार्च करवाया था l ताकि इस सफेदपोश अपराधी का आतंक जादूगोड़ा के लोगों के बीच से कम हो सके l

मामला कुछ यूं है की मुसाबनी अंचल अंतर्गत ईचडा मौजा के थाना नंबर -1103 खाता नंबर – 201 प्लाट नंबर – 509 में 4.30 एकड़ का एक भूखंड है जो स्व० दिलीप सिंह के पिता स्व० विनोद भूमिज के नाम में 1964 के सर्वे सेटेलमेंट खतियान में दर्ज है l वह जमीन अभी जिस जगह पर स्थित है वह दयाल मार्केट के नाम से जानी जाती है l अवैध बालू – गिट्टी का कारोबार करते करते जब सुशील अग्रवाल का मनोबल बढ़ने लगा तो इसने गरीब आदिवासियों की खाली पड़ी जमीनो पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया l इसी क्रम में इसने दिलीप सिंह की जमीन पर कब्ज़ा करके उसमे अपना आलीशान मकान बनाना शुरू कर दिया l इस बात की खबर जब दिलीप सिंह को लगी तो उसने इसे ऐसा करने से रोका l मगर अवैध कारोबार से कमाई गयी दौलत का नशा सुशील के सर चढ़कर बोल रहा था l उसने दिलीप सिंह के साथ मारपीट कर उसे उसकी जमीन से भगा दिया l जिसके बाद उसने दिनांक -17 / 03 / 2013 को जादूगोड़ा थाना में इस घटना की सूचना देकर कारवाई का अनुरोध किया l इसके बाद जादूगोड़ा थाना प्रभारी नयनसुख डाडेल ने घटना की जांच शुरू करवा दी और अंचल कार्यालय मुसाबनी को एक पत्र लिखा l जिसके बाद अंचल कर्मचारी हिकिम हेम्ब्रम ने जब अंचल में भूमि अभिलेखों की जांच की तो पाया की ये जमीन स्व० दिलीप सिंह के पिता स्व० विनोद भूमिज ,स्व० लखीन्द्र भूमिज, एवं स्व० फूलचंद भूमिज के नाम पंजी -ll में अंकित है l जिसका जांच प्रतिवेदन उसने दिनांक – 04 / 05 / 2013 को जादूगोड़ा थाना प्रभारी को सौंपा l

तबतक ये दोनों भाई एससी एसटी केस में गिरफ्तार होकर दिनांक – 12 / 04 / 2013 जेल जा चुके थे l तब इनका अवैध निर्माण भी रुक चूका था l मगर जेल से आने के बाद इन्होने सेटिंग गेटिंग करके फिरसे उसी जमीन पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया जिसके बाद मुसाबनी के तत्कालीन अंचल अधिकारी विशालदीप खलखो ने फिर से सुशील अग्रवाल और संतोष अग्रवाल को दिनांक – 12 / 08 / 2014 को एक नोटिस ज्ञापांक – 267  जारी कर अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए अंतिम चेतावनी दिया था l मगर इन दोनों भाईयों ने किसी तरह से सांठ -गाँठ करके अपना आशियाना खड़ा कर ही लिया l जिसके बाद अपने गुनाह को छिपाने के लिए इसने दुसरे लोगों पर अंगुली उठाना शुरू कर दिया l इसका निशाना बने वो गरीब लोग जिन्होंने किसी तरह से अपनी सारी जिन्दगी की कमाई को लगा कर छोटा सा भूमि का टुकड़ा खरीदा था और उसपर अपना कच्चा मिटटी का मकान बना कर रह रहे थे l इसने इसके लिए पोटका अंचल के कर्मियों के साथ मिलीभगत करके ऐसे सभी गरीब लोगों को नोटिस करवाना शुरू कर दिया l जिसके बाद कम पढ़े -लिखे गरीब और भोले -भाले लोगों में हडकंप मच गया और इस कुख्यात ब्लैकमेलर की जेबें अवैध रुपयों की कमाई से भरने लगी l हद तो तब हो गयी जब सभी लोगों से रूपये लेने के बाद भी इसने लगातार गलत खबर छाप कर कुलडीहा मौजा के एक गरीब ठेले वाले शिशिर पात्रो का घर गिरवा दिया l जबकि वो जमीन शिशिर पात्रो को भूदान यज्ञ कमिटी द्वारा भूदान में प्राप्त है l यह बात अलग है की अब शिशिर पात्रो झारखण्ड उच्च न्यायालय की शरण में हैं l और उन्हें भी न्याय मिलने की आस जगी है l

इधर अब इस कुख्यात बालू – गिट्टी तस्कर के दिन भी लदने वाले हैं l आदिवासी संगठनो ने अब सरकार पर सवाल उठाये हैं की एक गरीब आदिवासी को उसकी जमीन पर अभी तक कब्ज़ा क्यों नहीं मिला है l  इस प्रकरण को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर ज्ञापन सौंपकर सुशील अग्रवाल कारवाई और स्व० दिलीप सिंह के परिजनों को भू वापसी की मांग करेगा l

ये तो केवल एक आदिवासी जमीन के कब्जे का मामला है l अभी इस कुख्यात अपराधी के नापाक गुनाहों की पूरी फेरहिस्त झारखण्ड जागरण के पास उपलब्ध है जिसका खुलासा परत दर परत किया जायगा l

 

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