जमशेदपुर : जमशेदपुर के बागबेड़ा रोड नंबर एक स्थित परसुराम भवन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. मंगलवार को मामला डीसी के पास पहुंचा. जहां सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ जोरदार तरीके से मोर्चा खोलते हुए उनकी मनमानी समेत आठ सूत्री ज्ञापन सौंपा गया. डीसी की अनुपस्थिति में डीडीसी को यह ज्ञापन दिया गया. उन्हें आश्वासन दिया गया है कि एसडीओ को मामले की जांच का जिम्मा दिया जायेगा. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए हृदया नंद तिवारी ने आरोप लगाया कि विगत छह वर्षों से अध्यक्ष द्वारा चुनाव नहीं कराया जा रहा है. इस भवन का अध्यक्ष व्यावसायीकरण कर रहे हैं. गरीब जरूरतमंद ब्राह्मणों को भवन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कई बार चुनाव कराने का मुद्दा उठाया गया है, लेकिन अध्यक्ष यहां कुंडली मारकर बैठे हुए हैं. जहां सदस्यों की कोई पूछ नहीं हो रही है.
अंततः सदस्यों को यह परशुराम भवन को बचाने एवं अध्यक्ष की मनमानी, सदस्य के द्वारा चुनाव कराने एवं भवन का अधीक्षक कार्यालय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के संबंध में गोलबंद होना पड़ रहा है.
सदस्यों की ये है आठ सूत्री मांगें
1. परशुराम भवन बागबेड़ा के अध्यक्ष द्वारा विगत 6 वर्षों से आए हव्यय का ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया गया.
2. भवन निर्माण कार्य में तत्कालीन विधायक मेनका सरदार ने अपने विधायक निधि से भवन का निर्माण कार्य कराया था. उसमें भी अध्यक्ष का हिसाब किताब असंतोषप्रद रहा है.
3. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी राजनीतिक दल एवं आपराधिक तत्वों के लोगों के संपर्क में रहते हैं जिसके कारण सदस्य के लोग इन लोगों के डर से कुछ नहीं बोल पाते हैं.
4. शहर के समाज के लोग भवन निर्माण कार्य में लाखों रुपए के आर्थिक मदद करते हैं जिसका अध्यक्ष से हिसाब मांगने पर लिखित हिसाब किताब नहीं दिया जाता है.
5. परशुराम भवन में समाज के लोगों एवं गैर सामाजिक लोगों के लिए भवन आवंटित किया जाता है. उस भवन में अपने चहेते लाइट एवं टेंट वालों से प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए का आमदनी करते हैं, जिसका कोई हिसाब लेखा-जोखा अध्यक्ष के पास नहीं है.
6. परशुराम भवन के निर्माण के बाद आपस में यह तय हुआ था कि कम शुल्क लेकर भवन देने का बात कही गई थी, लेकिन अध्यक्ष उसे व्यवसाय बनाकर मनमानी वसूली करते हैं.
7. परशुराम भवन के कुछ पदाधिकारी समाज के लोगों से सालों साल भवन के निर्माण कार्य के लिए पैसे की उगाही करते हैं, जिसका कोई हिसाब नहीं है.
8. अध्यक्ष ने समाज को पॉकेट का संस्था बनाकर रखा हुआ है और अपनी मनमानी से पदाधिकारी एवं सदस्यों को हटाने एवं जोड़ने का कार्य भी करते हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारी से निवेदन किया है है कि उपरोक्त मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष जांच कर कर संस्था में हो रही अध्यक्ष की मनमानी पर अंकुश लगाने एवं नए सिरे से चुनाव कराने की कृपा की जाए ताकि संस्था में हो रही विसंगतियों को दूर किया जा सके. इस कार्य के लिए समाज के लोग आपके सदेव आभारी रहेंगे. ज्ञापन देने वाले सदस्यों में हृदयनंद तिवारी, रामनाथ पांडे, सुनील तिवारी, दशरथ दूबे, रंजय तिवारी, भोला पांडे, सुरेश पांडे, ओमकार झा, अरविंद पांडे, दीपक झा, कृष्ण कुमार उपाध्याय, नीतीश मिश्रा, आदि उपस्थित थे.