जमशेदपुर : जमशेदपुर का वास्तु विहार निवासी देवानंद सिंह उम्र के अंतिम पड़ाव पर अब सठिया गए हैं l उसके शरीर के साथ -साथ दिमाग को भी लकवा मार गया है l अखबार छापने की न ही औकात है और न ही पैसा ? मिडिया जगत से नकार दिए जाने के बाद अब बड़े लोग और उनका नाम उछाल कर अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहा है l देवानंद सिंह का इतिहास भी बड़ा दागदार रहा है इसकी कथित पत्रकारिता की नीव ही ब्लैकमेलिंग और भयादोहन पर रखी गयी है l जमीनों पर अवैध कब्ज़ा, लोगों पर गलत जानकरी देकर केस करवाना और फिर केस मैनेज करने के नाम पर मोटी रकम की वसूली करना ही इसका मुख्य धंधा है l सूत्र बताते हैं की देवानंद के सम्बन्ध जिले के बड़े साइबर अपराधियों से भी हैं l ये साइबर अपराधियों को संरक्षण देने का भी काम करता है l यदि इसके बैंक खातो की जांच की जाये तो उसमे हुए कई लेन – देन का हिसाब देने में इसके पसीने छूट जाएंगे l जहाँ तक सरकारी जमीन कब्ज़ा करने की बात है तो बारीडीह में इसने अपने कथित अखबार का धौंस दिखा कर एक सरकारी प्लाट पर अवैध कब्ज़ा करके अपना घर बना लिया था l इसके बाद इसे लगने लगा की ये बहुत बड़ा पत्रकार हो गया है इसने प्रशासनिक अधिकारीयों को ही धमकाना शुरू कर दिया जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और इसके घर को बुलडोज़र लगा कर ध्वस्त कर दिया l इसके बाद इसने वास्तु विहार को अपना नया ठिकाना बनाया l मगर ब्लैकमेलिंग करके हराम का रुपया कमाने की फितरत नहीं बदली l
इस बार इसको साथ मिला है जादूगोड़ा के बदनाम और कुख्यात बालू और पत्थर तस्कर सुशील अग्रवाल का l सुशील अग्रवाल एक आदतन अपराधी रहा है l जादूगोड़ा समेत जमशेदपुर के थानों और अदालतों में इसके खिलाफ कई गंभीर अपराधिक मामले लंबित हैं l वर्तमान में जादूगोड़ा में भी इसका ब्लैकमेलिंग गैंग चलता है जिसका मुख्य सरगना सुशील अग्रवाल ही है l
सुशील अग्रवाल पर दर्ज अपराधिक मामलों की सूचि
फोन करके रंगदारी मांगता सुशील अग्रवाल
अब देवानंद भी इस गैंग में शामिल होकर अपनी रोटी सेंकने का काम कर रहा है l जिससे स्थानीय लोगों में इस गैंग के खिलाफ आक्रोश पनपता जा रहा है l जादूगोड़ा क्षेत्र के संभ्रांत लोग देवानंद सिंह से त्रस्त होकर उसके खिलाफ अब बड़ी कानूनी कारवाई करने का मन बना रहे हैं l जहाँ तक जादूगोड़ा सम्पदा विभाग के अधिकारी दिलीप मंडल और यूसिल सीएमडी के आप्त सचिव सुरजीत कुमार दास का सवाल है तो l दोनों अधिकारी बहुत ही स्वच्छ छवि के माने जाते हैं l इनके कार्यकाल में इनके ऊपर किसी भी तरह का कोई दाग नहीं है l मगर जमशेदपुर से नकार दिए गए देवानंद सिंह को रुपये वसूलने के लिए नए गैंग और शिकार की तलाश थी तो उसने जादूगोड़ा के कुख्यात बालू और पत्थर तस्कर और नामचीन अपराधी सुशील अग्रवाल का दामन थामा और फिर शुरू हुआ अपने कथित पीडीएफ अखबार में दिलीप मंडल और सुरजीत कुमार दास के खिलाफ मनगढ़ंत खबरे छापने का अंतहीन सिलसिला l देवानंद सिंह ने इस खबर का प्रकाशन बंद करने के लिए बाकायदा एक लाख रुपयों की रंगदारी की भी मांग की थी l मगर दोनों अधिकारीयों ने उसकी इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया l अब यूसिल के ये दोनों अधिकारी कारवाई के मोड़ में हैं जल्द ही देवानंद और इसके ब्लैकमेलिंग गैंग के खिलाफ बड़ी कानूनी कारवाई की तैयारी है l
सुशील अग्रवाल अपने काले कारनामो की वज़ह से कई बार जेल की हवा खा चुके हैं l जादूगोड़ा के इमानदार थाना प्रभारी रहे नयनसुख दाडेल ने 12 . 04 . 2013 को सुशील और उसके भाई संतोष अग्रवाल को उनके दूकान से गिरफ्तार करके सरेआम हथकड़ी पहना कर रोड पर पैदल चलवा कर जादूगोड़ा मार्च करवाया था l जिसके बाद इस अपराधी का आतंक कुछ समय तक थमा रहा उसके बाद दाडेल साहब के स्थान्तरण के बाद फिर से इसने सर उठाना शुरू कर दिया l और ये अफवाह फैलाना शुरू कर दिया की मैंने थाना प्रभारी की नौकरी खा ली है l नयनसुख डाडेल अपनी कर्मठता और इमानदारी के बल पर वर्तमान में झारखण्ड हाई कोर्ट रांची में पुलिस उपाधीक्षक के पद को सुशोभित कर रहे हैं l
वर्तमान में देवानंद सिंह को जब कोई पूछ नहीं रहा है तो वो पत्रकार आशीष गुप्ता के खिलाफ गलत खबर प्रकाशित करके अपने कथित अखबार का नाम उनके साथ जोड़कर अपनी प्रसिद्धि बढ़ाने का प्रयास कर रहा है l मगर पत्रकार आशीष गुप्ता ने अब देवानंद सिंह और उसके ब्लैकमेलिंग गैंग को अदालत का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है l अपने खिलाफ गलत खबरों के प्रकाशन पर उन्होंने कहा की पत्रकारों पर फर्जी मुक़दमे लादना आम बात है इससे वो तनिक भी विचलित नहीं होते हैं l सभी केसों में वो बाइज्जत बरी हो चुके हैं l एक में पुलिस ने खुद केस को फाल्स करके फाइनल रिपोर्ट लगा दी है l फर्जी एसटीएससी केस में उनको माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत मिली हुई है l वो हमेशा न्यायालय की शरण में हैं और वहां से न्याय की पूरी उम्मीद के साथ अपना समाजसेवा का कर्तव्य पालन कर रहे हैं l चूँकि अपनी समाज विरोधी हरकतों के कारण सुशील अग्रवाल को हर जगह से नकार दिया गया हैं तो अब वो प्रतिष्ठित लोगों के ऊपर कीचड़ उछालकर खुद को स्थापित करने की असफल कोशिश कर रहा है l
आशीष गुप्ता की लगातार बढती लोकप्रियता से देवानंद और उनका ब्लैकमेलिंग गैंग घबरा गया है l मगर सांच को आंच नहीं है l इधर जादूगोड़ा के लोगों में इस ब्लैकमेलिंग गैंग के खिलाफ लगातार आक्रोश पनपता जा रहा है जो कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है l