झारखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिवर्ष लगने वाला मेला अत्यंत महत्वपूर्ण है. मेला झारखंडीयों के लिए सिर्फ मनोरंजन का माध्यम ही नहीं बल्कि यह मेला जनजातीय समाज की संस्कृति परंपरा और उनकी आर्थिक संरचना का इतिहास भी बताता है. मेला को झारखंड के लोग एक त्योहार के रूप में मनाते हैं. इस मेले का आदिवासी लोगों को उतना ही इंतजार होता है जितना होली, दिवाली और दशहरा जैसे त्योहारों का होता है. यहां विभिन्न प्रकार के मेला का आयोजन होता है. इन्ही में से एक खोड़ीपाहाड़ी बुरू बोंगा पाता मेला. वैसे आदिवासी अपनी सरलता, निश्छलता और समृद्ध संस्कृति के लिए जाने जाते हैं. देश के किसी भी कोने में आदिवासी समुदाय के बीच आप चले जाएं आप इनकी जीवन शैली और आदर सत्कार के कायल हो जाएंगे. झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ खास कर जनजातीय समुदाय के लोगों की यहीं पहचान रही है . इस दौरान रविवार को चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत रेंगड़पाहड़ी, सोनाहारा, सालुआडीह गांव के खोड़ीपाहाड़ी बुरू बोंगा पाता मेला में देखने को मिला. लोग यहां इस तरह मिल रहे थे जैसे लग रहा था कि इस मेला का माहौल ही कुछ अलग है. इस मेले में लगभग लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. बारिश हो रही थी इसके बावजूद लोगों ने इस मेले का भरपूर आनंद लिया. मेले का सबसे आकर्षण यह था कि विभिन्न क्षेत्रों से आए नृत्य दल सुंदर सुंदर झांकियां बनाई थी और जिस नृत्य दल की झांकी सुंदर थी. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक समीर मोहंती और ग्रामप्रधानों ने संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया.
प्रथम पुरस्कार:- हार सावटाव रूसिका माडेर, बनशोल (पश्चिम बंगाल), द्वितीय पुरस्कार:- जाहेरगाढ़ रासका रूसिका क्लब, डेंगाढ़साई( झारखंड) को प्राप्त हुआ.
इस मौके पर खोड़ीपाहाड़ी बुरू बोंगा पाता मेला को सफल बनाने में कमिटि के धनंजय करुणामय, अमर हाँसदा, बैद्यनाथ माहाली, पूर्णचंद्र हाँसदा, बुबाई दास, असित कुमार करुणामय, रूपचांद हाँसदा, हरेन माहाली, हरिश्चंद्र माहाली, राजेश्वर महतो, श्यामल कुमार महतो, रूद्र प्रताप महतो, हरिपद मंडल, खोकन माहाली, धर्म दास हाँसदा, संजय राणा, चाँद गोप, प्रकाश हेमंत, अरूण कुमार हाँसदा, लोसो हाँसदा, अजय करुणामय, सुनील कुमार सोरेन, सुबोध टुडू, खगेश्वर माहाली, जगदीश माहाली, कृष्णपद महतो, देवाशीष मंडल, राजेश गोप, प्रभु हाँसदा, मदन माहाली, महादेव करुणामय, चंद्रशेखर करुणामय, अखीलेश्वर करुणामय आदि उपस्थित थे.