माझी परगना महाल ने पारंपरिक परिधानों और हथियारों से लैस होकर ढोल नगाडो के साथ जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया l सबसे पहले करनडीह में सभी आदिवासी समुदाय के लोगों का जुटान हुआ इसके बाद जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए सभी लोग जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय की ओर बढ़ चले l
जुलूस में शामिल लोग पारसनाथ पर्वत संथाल आदिवासियों को सौंपने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे l इस प्रदर्शन का नेतृत्व तरफ परगना दशमत हांसदा कर रहे थे. पारंपरिक हथियारों एवं ढोल नगाड़े के साथ प्रदर्शन से कुछ देर के लिए मुख्य सड़क पर आवागमन बाधित हो गया.इसके बाद सभी लोगों ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सामने धरना भी दिया l इसके बाद धरना – प्रदर्शन में शामिल लोगों में से कुछ लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार से मिला और मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र सौंपा l
तरफ परगना दशमत हांसदा ने बताया कि पारसनाथ पर्वत आदिकाल से ही आदिवासियों का सर्वोच्च धार्मिक स्थल हैं l जहाँ आदिवासी समुदाय के लोग पूजा अर्चना करते आ रहे हैं l ऐसे में अपने उपासना स्थल में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप का पूरी ताकत से विरोध किया जायगा lउन्होंने बताया कि पारसनाथ की विशाल पर्वतमालाओं में लम्बे कालखंड से सर्वोच्च देव स्थान जुग जाहेरगाढ़ एवं मांझीथान है. जुग जाहेरगाढ़ में संथाल समुदाय के सर्वोच्च ईष्ट देवता मरांग बुरू निवास करते है. जहां विश्व भर के संताल एवं सरना धर्मावलंबी फागुन माह में बाहा (बोंगा) एवं बैशाख पुर्णिमा में लौ-वीर-वैसी सेंदरा पर्व मनाते हैं. मांझीथान आदिवासी स्वशासन व्यवस्था को सुचारू रुप से संचालित करने का एक शक्ति केंद्र है. जिससे लाखो लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. उन्होंने सरकार से इसे जल्द से जल्द समाज को सौंपने की मांग की l इस धरना प्रदर्शन में भारी संख्या में पुरुष एवं महिलाओं के साथ अलग -अलग स्थानों से आये ग्राम प्रधान तथा मांझी भी शामिल थे l