जमशेदपुर : सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, टाटा स्टील माइनिंग ने शुक्रवार को अपने सुकिंदा क्रोमाइट माइन परिसर में बर्ड वाचिंग सत्र का आयोजन किया।
जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने और पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित इस सत्र के दौरान सुकिंदा क्रोमाइट माइन के आसपास समृद्ध जैव विविधता का पता लगाने के लिए प्रकृति के प्रति उत्साही, संरक्षणकर्ता और स्थानीय हितधारकों एक जगह जुटे। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आवासों के संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना था। परिसर के हरे-भरे परिवेश में सुबह-सुबह बर्ड वाचिंग सत्र कू शुरुआत हुई। इस दौरान प्रतिभागियों को गौरैया के व्यवहार और आवास को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर मिला। वरिष्ठ वैज्ञानिक और जैव विविधता विशेषज्ञ डॉ जस्टस जोशुआ ने आकर्षक पक्षियों के जीवन चक्र, घोंसले बनाने के तरीकों और प्रवासन पैटर्न की जानकारी प्रदान की। टाटा स्टील माइनिंग के प्रबंध निदेशक पंकज सतीजा ने कहा कि बर्ड वाचिंग सत्र के आयोजन से हमें अपने चारों ओर मौजूद अविश्वसनीय जैव विविधता की जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलता है। कहा कि यह कार्यक्रम पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। इस कार्यक्रम के आयोजन से हमारा उद्देश्य पक्षियों के संरक्षण के बारे में समुदायों के बीच जागरूकता बढ़ाना और सभी को उनके संरक्षण की दिशा में छोटे लेकिन सार्थक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस मौके पर कंपनी ने पर्यावरण प्रबंधन को बढ़ावा देने वाली पहल को जारी रखते हुए प्रतिभागियों के बीच विशेष रूप से तैयार किए गए कृत्रिम घोंसले वितरित किए। इसका मकसद कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों में इन घोंसलों की स्थापना को बढ़ावा देकर पक्षियों के रहने के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है। बता दें कि कंपनी ने पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में गौरैया के महत्व को बताने और उनकी आबादी में खतरनाक गिरावट के प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए पहले “लव स्पैरो” कार्यक्रम की शुरुआत की थी। टीएसएमएल ने क्षेत्र में गौरैया के बचाव और संरक्षण में योगदान देने के लिए खदान परिसर में कृत्रिम घोसले भी स्थापित किए हैं।