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राज्य में अपराध नियंत्रण को लेकर सीएम हेमंत गंभीर , डीजीपी को दिया क्राइम कण्ट्रोल का निर्देश , देर रात तक होती रही सड़कों पर जांच , डीआइजी एसएसपी नज़र आये चेकिंग करते

सड़कों पर जांच करते पुलिस के आला अधिकारी

रांची : झारखण्ड की राजधानी रांची में पिछले दिनों अपराधियों ने जिस प्रकार  से सिलसिलेवार अपराधों  को अंजाम दिया उसने सरकार के कान खड़े कर दिए हैं . यही कारण है की मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को तलब कर लिया और राजधानी रांची में लगातार खराब होती विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए उनके साथ -साथ पुलिस के तमाम आला अधिकारीयों को फटकार लगा डाला. उन्होंने पुलिस से यह जानना चाहा की जब अपराध नियंत्रण के लिए विभाग को खुली छूट दी गयी है तो फिर ये हाल क्यों है ? सीएम ने साफ़ शब्दों में कहा की राज्य में विधि व्यवस्था को नियंत्रित रखना सरकार की प्राथमिकता है . इसके लिए उन्होंने डीजीपी को 15 दिनों का समय दिया और कहा की पूरी व्यवस्था सुधारें वरना कारवाई के लिए तैयार रहें . सीएम की क्लास के बाद पूरा पुलिस महकमा रेस हो गया और देर रात को रांची की सड़कों पर आई जी , डीआइजी एसएसपी खुद सड़कों पर चेकिंग करते दिखाई देने लगे.

राजधानी रांची के मेन रोड और विभिन्न क्षेत्रों में रविवार की देर रात सड़कों पर पुलिस महकमें के तमाम बड़े अधिकारी नजर आए। रांची जोन के डीआईजी अनूप बिरथरे, एसएसपी किशोर कौशल सहित तमाम अधिकारी जांच करते दिखे। एसएसपी और डीआईजी देर रात शहर के कई थाना क्षेत्रों में गए और रात में ड्यूटी पर तैनात पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को निर्देश दिए। वहीं कई जगहों पर कार चालकों को रोक कर एसएसपी खुद पूछताछ करते दिखे।

पुलिस की चौकसी इस कदर बढ़ी की पल भर में ही सभी चौक -चौराहे वीरान हो गए अड्डेबाजी करने वाले पुलिस की पूछताछ के बाद नौ दो गयारह हो गए . इसके बाद पुलिस चाय के दुकानों , ठेलों और होटलों, शराब के दुकानों के पास वाले अड्डों  की ओर बढ़ी पल भर में वहां भी सुधार नज़र आने लगा . पुलिस की अचानक चौकसी से शहर के अपराधियों और जरायम पेशे से सम्बन्ध रखने वालों की नींद उड़ गयी है . आलम ये है की अब पूरे रांची में माहौल बहुत ही शांत नज़र आ रहा है .

इधर राज्य में विधि व्यवस्था में सुधार को लेकर सीएम हेमंत सोरेन बहुत गंभीर हैं यही कारण है की उन्होंने विधि व्यवस्था में सुधार को लेकर जहाँ  डीजीपी को 15  दिनों की मोहलत दी वहीँ यह भी स्पष्ट कर दिया की अपराधी चाहे कितना भी रसूखदार लोगों के संरक्षण में क्यों न हो उसे किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाये . पुलिस आम नागरिकों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार रहे . ताकि आम लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें .

 

 

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