जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में आहूत जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक में उपायुक्त-सह- अध्यक्ष जिला स्तरीय वन अधिकार समिति मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा धालभूम एवं घाटशिला अनुमंडल से प्राप्त वन पट्टा के दावा अभिलेखों की समीक्षा की गई। समीक्षा हेतु अनुमंडल वन अधिकार समिति, धालभूम से प्राप्त 42 व्यक्तिगत एवं 04 सामुदायिक दावा अभिलेख एवं घाटशिला अनुमंडल से प्राप्त 142 व्यक्तिगत एवं 13 सामुदायिक दावा अभिलेख की क्रमवार समीक्षा की गई। दोनों अनुमंडल में ऐसे कई लाभुक थे जिन्हें 2 डिसमिल से 4 डिस्मिल तक का अनुमोदन अनुमंडल स्तर से किया गया था जिसपर उपायुक्त द्वारा अप्रसन्नता जताई गई।
लाभुकों से वीडियो कॉल कर किया गया दावों की जांच
वैसे लाभुक जिन्हें 02 डिसमिल से 04 डिसमिल के वन पट्टा के लिए अनुमोदन किया गया था, उनमें कुछ लोगों से उपायुक्त -सह- अध्यक्ष जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा वीडियो कॉल कर बात किया गया । उन्होने लाभुकों के वर्तमान निवास स्थान को वीडियो कॉल से देखा जिसमें अनुमोदन से ज्यादा क्षेत्रफल की जमीन पर वे निवास करते पाये गए । मौके पर उन्होने समिति सदस्यों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रस्तावित वन पट्टा दावा में क्षेत्रफल कम एवं अव्यवहारिक है, इसकी पुनर्समीक्षा करते हुए 07 सितंबर तक अनुमंडल स्तरीय वनाधिकार समिति से ऐसे लाभुकों के लिए कम से कम 10 डिसमिल वन पट्टा का अनुमोदन देने का प्रयास करें। साथ ही उन्होने कहा कि वन पट्टा के दावों में व्यवहारिकता की जांच जरूर करें, ग्रामीण निवास क्षेत्र में पूरा ईको सिस्टम होता है जिसमें लोग पशुपालन के लिए शेड या थोड़ी सी जमीन पर साग-सब्जी के लिए बाड़ी भी रखते हैं, इसका विशेष ध्यान रखें ।
बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी, उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, एसडीएम घाटशिला सत्यवीर रजक, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेश पांडेय, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, जिला परिषद सदस्य घाटशिला देवयानी मुर्मू, जिला परिषद सदस्य पोटका सोनामनी सरदार, जिला परिषद सदस्य मुसाबनी लखी मार्डी आदि उपस्थित थे।