जादूगोड़ा / घाटशिला / डुमरिया : घाटशिला अनुमंडल में दुर्गोत्सव की धूम है. पूर्वी सिंहभूम जिले के अर्ध शहरी क्षेत्र घाटशिला,बहरागोड़ा , चाकुलिया, और सुदूर ग्रामीण क्षेत्र डुमरिया, गुडाबाँधा, प्रखंडो में भी प्रतिमा स्थापित कर माता दुर्गा की भव्य पूजा की जा रही है. षष्ठी के दिन बेल बरन से दुर्गा पूजा उत्सव शुरू हुआ. वातावरण में गूंजती चंडी पाठ के मन्त्रों की ध्वनि वातावरण को भक्तिमय कर रही हैं .
अश्वत्थ कुञ्ज दुर्गा पूजा कमिटी ने आतिशबाजी और महिला ढाकीयों के ढाक की गूँज से माँ दुर्गा का स्वागत किया . पूजा कमिटी के सक्रीय सदस्य गौरव ने बताया की पूर्वी सिंहभूम जिला में पहली बार महिला ढाकी दल को लाया गया है . इनकी ढाक वादन शैली और प्रदर्शन इस बार के पूजा में आकर्षण का केंद्र होगा.
जादूगोड़ा मोड़ दुर्गा पूजा कमिटी ने इस बार नौ लाख की लागत से भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण करवाया है. हर बार की तरह इस बार भी पूजा पंडाल का निर्माण बंगाल के प्रसिद्द पंडाल निर्माता बापी दा ने अपनी टीम के साथ दिन रात परिश्रम करके किया है. जो आस -पास के दर्शको के लिए आकर्षण का केंद्र है.
वहीँ शिव शक्ति संघ दुर्गा पूजा कमिटी यूसिल कॉलोनी जादूगोड़ा में प्रधान पुरोहित सह पूजा कमिटी के महासचिव ददन पाण्डेय की देख रेख में पूजा समारोह को काफी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. षष्ठी के दिन बेल बरन के साथ ही यूसिल के तकनिकी निदेशक राजेश कुमार ने पूजा पंडाल का उद्घाटन किया. ददन पाण्डेय ने बताया की अभी लगातार चार दिनों तक माता की विधिवत पूजा होगी और लगातार अखंड भंडारा चलाया जायगा. इसके अलावा मंदिर में हर दिन धर्म से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संपन्न किये जाएंगे.
ए टाइप सार्वजानिक दुर्गा पूजा कमिटी के पूजा पंडाल में स्थापित माँ दुर्गा सहित सभी प्रतिमाओं में मुख्य आकर्षण का केंद्र उन्हें पहनाया जाने वाला चांदी का मुकुट है. कमिटी के महासचिव दिनेश सिंह सरदार ने बताया की अपनी मन्नत पूर्ण होने की ख़ुशी में एक भक्त ने चांदी के मुकुट के यह सेट माता दुर्गा को भेंट किया था. तब से यह मुकुट हर साल प्रतिमाओं में सजाया जाता है. गाँधी मार्केट दुर्गा पूजा कमिटी ने भी इस वर्ष काफी भव्य प्रतिमा स्थापित किया है. कमिटी के सक्रीय सदस्य संदीप कुमार ने बताया की यहाँ कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है. इसके बाद नवमी का हवं करके कन्याओं का पूजन किया जाता है. यह क्रम पिछले कई सालों से चला आ रहा है. इसके अलावा एनी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं.
सामुदायिक केंद्र सार्वजानिक दुर्गा पूजा कमिटी ने इस बार काफी अलग तरीके से पूजा समारोह आयोजित किया है . भव्य पंडाल के साथ -साथ अष्टमी के दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जाएंगे.
वहीँ अगर बंगाल और ओडिशा की सीमा से सटे क्षेत्र बहरागोड़ा की बात करें तो वहां चौरंगी सार्वजानिक दुर्गा पूजा कमिटी ने इस साल भी पिछले सालों की तरह भव्य रूप में दुर्गा पूजा समरोह का आयोजन किया है. कमिटी के अध्यक्ष मिटा साहू ने बताया की पूरा समारोह स्वेच्छिक चंदा में मिली राशी से संपन्न होता है . और इस पूजा समरोह को देखने सीमावर्ती राज्यों के साथ -साथ 25 गाँव से लोग जुटते हैं. बहरागोड़ा के बीडीओ केशव भारती ने भी सप्तमी के दिन सभी पूजा पंडालों का दौरा किया. उन्होंने पूजा कमिटियों की तैयारीयों को देखा और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.
डुमरिया के बड़ा बोतला में आदिकाल से दुर्गा पूजा होती आ रही है. इसका कोई सटीक समय ग्रामीण नहीं बता पाते हैं मगर शायद इस पूजा का मुग़ल काल से भी पुराना इतिहास है. पूजा की परम्परा इस बात की गवाही देती है. यहाँ भी पूजा आपसी सहयोग से ही होती है. और प्रतिमा का विसर्जन विजयादशमी को नहीं करके लक्ष्मी पूजा के दिन किया जाता है. इस मौके पर यहाँ विशाल मेला भी लगता है. कमिटी के अध्यक्ष देवानंद दास ने बताया की इस पूजा कमिटी के पंडाल में बैठने वाली माँ दुर्गा की बड़ी महिमा है. इसलिए यहाँ आस -पास के राज्यों के लोग भी पूजा देखने और मन्नत मांगने आते हैं,
आज से शुरू हुआ ये उत्सव अभी लगातार तीन दिनों तक चलेगा और इस दौरान सभी लोगो को इस समारोह को जीने और आनंद लेने का पूरा मौका भी प्रदान करेगा .