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बरसोल के गोपालपुर पंचायत को मुखिया लक्ष्मी राम मुर्मू ने बेहतर काम की बदौलत दी अलग पहचान, लिखी विकास की नयी इबारत

चाकुलिया : सरकार के सबसे बुनियादी ढ़ांचे ग्राम पंचायत के स्तर पर अगर बेहतर काम हो, तो विकास को चार चांद लग ही जाते हैं. कुछ ऐसी ही विकास की रौशनी से बरसोल के गोपालपुर पंचायत जगमग कर रही है. इस पंचायत में शहरों से कम सुविधाएं नहीं हैं. मुखिया लष्मी राम मुर्मु ने बर्ष 2010 से 2015 तक मुखिया पद पर रहने व अच्छा कार्य करने के कारण उनको पंचायती राज अवार्ड से बर्ष 2012 में नवाजा गया था.

यहां के मुखिया लष्मी राम मुर्मू ने करीब 10 लाख की राशि खर्च कर यहां लोगों को सुविधाएं देने का प्रयास किया है. बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, सफाई, पेयजल और बैंकिंग सुविधाओं तक से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया गया है. लोग भी गदगद हैं.

इस पंचायत की आबादी करीब 6000 है. इसमें 12 वार्ड हैं.यहां 19 गांव है.12 तालाब, एक छठ घाट, एक चेकडैम, एक रंगमंच, 22 किलोमीटर सड़क, कचरा डंप करने के लिए अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सार्वजनिक शौचालय आदि का निर्माण करवाया है .

भूमिहीन परिवारों को दिलाई जमीन:-

भूमिहीन परिवारों को सरकारी स्तर पर जमीन उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का काम भी हो रहा है. अब तक 10 लोगों को आवास योजना का लाभ मिल चुका है. 10 अन्य लोग कतार में हैं. किसानों को जागरूक कर एक हजार से अधिक फलदार पौधे लगवाए गए हैं.

लक्ष्मी राम 2010 में पहली बार मुखिया बने थे. उस समय पंचायत की शिशु-मृत्यु दर 9 से 13 प्रतिशत तक थी. इसे कम करने के लिए पंचायत के दो स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया. अस्पताल कर्मी भी सजग हुए.मुखिया ने अपने स्तर से भी लोगों-महिलाओं को समझाया. नवजात की मृत्यु कई कारणों से होती है. इस कारण गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से लेकर प्रसव और उसके बाद भी काफी ध्यान रखने की जरूरत होती है.पहले कई महिलाओं का प्रसव घर पर ही होता था. आज शत-प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य केंद्र में हो रहा है. 50 से 60 प्रतिशत तक आयुष्मान भारत कार्ड यहां बनाए गए हैं.

मुखिया लष्मी राम मुर्मु ने कहा कि पंचायत के लोगों को रोटी के साथ शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था देने का उन्होंने संकल्प लिया है. गांव में शादी-विवाह या अन्य आयोजन पर कचरा फैलाने पर 500 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है. इससे पंचायत को राजस्व की भी प्राप्ति होती है. लोग इधर-उधर कचरा फेंकने से परहेज करते हैं.

गांव में ही मिल रही बैंकिंग सुविधा:- बताया गया कि पंचायत से सबसे नजदीकी स्टेट बैंक 15 किलोमीटर की दूरी पर है. लोगों को बैंक जाने में परेशानी होती थी. मुखिया ने तीन ग्रामीण को प्रेरित कर गांव में ही पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खुलवा दिया. अब ग्रामीण गांव में ही बैंकिंग का काम कर रहे हैं. कई लोगों ने ग्राहक सेवा केंद्र में खाता भी खुलवाया है.

पूर्वी सिंहभूम के जिला पंचायती राज पदाधिकारी रजनीकांत मिश्रा ने इस बात पर कहा की यह अच्छी बात है की हमारे मुखिया अच्छा काम कर रहे हैं. जिले के सभी मुखिया यदि अपना काम पूरी निष्ठा और इमानदारी से करें तो हमारे जिले के पंचायतो की स्थिति को और भी बेहतर बना कर मिसाल कायम की जा सकती है.

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