बहरागोड़ा : झारखंड सरकार की वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर वित्त रहित कॉलेजों के अधिग्रहण किए जाने की मांग को लेकर सीडीएन हाई स्कूल पाचांदो के प्रधानाध्यापक हरेकृष्ण पात्र के नेतृत्व में शिक्षकों द्वारा स्कूल परिसर में वित्त रहित नीति का पुतला दहन किया. इस दौरान प्रधानाध्यापक श्री पात्र ने बताया कि एकीकृत बिहार सरकार में दो अक्टूबर 1985 को वित्तरहित शिक्षा नीति लागू की गई थी. उसमें स्कूलों के समायोजन में आने वाले वित्त के अभाव में तत्कालीन सरकार द्वारा यह नीति लागू की गई थी. यह आज तक लागू है. अलग राज्य गठन होने के बाद शिक्षकों व कर्मचारियों में आशा जगी थी कि झारखंड सरकार वित्तरहित संस्थानों का समायोजन करेगी. 40 वर्ष गुजर जाने के बाद भी यह नीति लागू है. वित्तरहित शिक्षा झारखंड शिक्षा नीति का कलंक है. बताया की 31 जुलाई को पूरे राज्य में बीत रहीत संस्थानों में शैक्षणिक हड़ताल रहेगा. 2 अगस्त को विधानसभा के सामने महा धरना है. जिसमें प्रत्येक विद्यालय एवं इंटर कॉलेज के 10 – 10 शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों की उपस्थिति रहेंगे. इस मौके पर शिक्षक गण सुधामोय पात्र, तापस गोराई, अजीत चौधरी, हीरालाल प्रधान, देवाशीष बुधुक, बलराम मुंडा, मुक्तिपाद साहु, ससधर बारिक, बरूण नायक आदि उपस्थित थे.
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