जादूगोड़ा : झारखण्ड सरकार के पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के पंचायत प्रमुखों के लिए चलाये जा रहे एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र के यरवदा में पुणे गए हुए सभी प्रमुखों को भारत का पहला आदर्श ग्राम अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि का भ्रमण कराया गया।
भ्रमण करवाने के दौरान अन्ना हजारे ने सभी प्रमुखों को बताया की इस गाँव का विकास कैसे हुआ. उन्होंने कहा की आज से 40 वर्ष पूर्व जब वे फ़ौज से सेवानिवृत होकर गाँव आये थे तो स्थितियां काफी बदतर थी. गाँव में गंदगी और शराब की भट्ठियां थी. कोई इनलोगों को देखने वाला नहीं था. ऐसी स्थिति में माहौल काफी चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने कहा की मैं तो की जनप्रतिनिधि भी नहीं था मगर मैंने हार नहीं मानी और लोगों को विकास के प्रति जागरूक करना शुरू किया. आपस में श्रमदान करके लोगों ने गाँव की तस्वीर बदल डाली.
वर्तमान समय में गाँव में 500 परिवार हैं जिनकी जनसँख्या 3000 है.इस गाँव से 351 लोग भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं 42 लोग चिकित्सक हैं, 44 लोग शिक्षक हैं. हर परिवार पूरी तरह से आत्मनिर्भर है.हर परिवार अपनी गोशाला से प्रतिदिन 50 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन करते हैं और हर दिन उनकी कमाई 1500 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक है.
उन्होंने सभी प्रमुखों से कहा की आप सभी जनता के चुने हुए प्रतिनिधि है यदि आपलोग जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाएं और निस्वार्थ भाव से सेवा करें तो आपलोगों के गांवों की तस्वीर भी बेहतर हो सकती है.