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चाकुलिया में ऑल इंडिया संथाल राइटर्स एसोसिएशन के 14वें वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए आदिवासी कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन कहा संथाली रायटर्स करें ग्राम व्यवस्था संचालन में सहयोग

चाकुलिया : चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र स्थित टाउन हॉल परिसर में सोमवार को ऑल इंडिया संथाल राइटर्स एसोसिएशन के बैनर तले चाकुलिया शाखा का 14वां वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन और विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक समीर मोहंती शामिल हुए. इस अवसर पर आए हुए अतिथियों का स्वागत आदिवासी रीति रिवाजकर, गाजे बाजे के साथ और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. इस दौरान अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर और समाज के आंदोलनकारी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार और झारखंड से हजारों संथाली साहित्यकारों का महाजुटान हुआ. उक्त सम्मेलन में झारखंड के संताली साहित्यकारों को सम्मानित किया गया. इस दौरान आयोजित सम्मेलन में झारखंड शाखा कमेटी का पुनर्गठन किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के कहा की राइटर्स का टैलेंट होता है की वो हमेशा जनता को खुश करने काम करते है. समाज के लोग पहले से संघर्ष करके देश को आजाद किया है. लेकिन अभी भी समाज के लोग संघर्ष करते आ रहे है. गांव का मालिक माझी बाबा ही होता है. गांव का सभी व्यवस्था माझी बाबा ही करते आ रहे है. उन्होंने बताया की गांव चलाने के लिए माझी बाबा का अहम योगदान रहता है. गांव का संस्कृति एवं विचार व्यवस्था में गांव का हर आदमी एक होकर फैसला करता है. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मैं और गरीब नही होता है चाहे कोई भी विचार होता है तो सभी एकसाथ मिलकर ही फैसला लेता है. मंत्री चंपई सोरेन ने सभी राइटर्स से निवेदन करते हुए कहा की वे गांव के विचार में बैठकर कोई भी समस्या का समाधान करने का निर्णय ले.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को  संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि विधायक समीर मोहंती ने कहा की संथाल समाज के लोग ये कार्यक्रम आयोजित कर निश्चित रूप से भाषा, संस्कृति एवं समाज के लोगो के परंपरा को बचाने का काम किया है. भाषा का संस्कृति अगर बचा रहेगा तो समाज बचा रहेगा. संथाल समाज के लोग इतना बुद्धिमान थे की वे एक एक संस्कृति को बचाने का काम किया है. संथाल को गर्व करना चाहिए की हम संथाल समाज में पैदा हुए है. झारखंड राज्य में मंदिर बना, मस्जिद बना, गुरुद्वारा बना लेकिन संथाल समाज के लोग संघर्ष करके झारखंड को बचाने का काम किया है. धन्य है समाज के संस्कृति और समाज का अनुशासन को धन्य है.

कार्यक्रम के पूर्व आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने आनंद मार्ग स्कूल के सामने स्थापित ओलचिकी जनक ओलगुरु पंडित रघुनाथ मुर्मू के मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. साथ ही दिशोम जाहेर गाढ़ में हो रही सौंदर्यकरण को देखने पहुंचे तो पता चला की काम पूरा नहीं हुआ है और ठेकेदार अधूरा छोड़कर भाग गया है. मंत्री ने इसकी सूचना विभाग को देकर जल्द ही कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

इस मौके पर होलोंग गाडा संताली पत्रिका के संपादक मोहन चंद्र बास्के, झारखंड शाखा सलाहकार भुजंग टुडू, सोभा हांसदा, पितांबर हांसदा, बैजू माण्डी, सनत टुडू, बदेन मुर्मू, , बिष्णु कुमार मुर्मू,  सुबल हेम्ब्रम, नबकुमार हेम्ब्रम, जोबारानी सोरेन, डमन चन्द्र हांसदा, रामजीत बास्के, सुभाष चन्द्र माण्डी, अर्जून कुमार टुडू, रजनी कान्त माण्डी, जयपाल हांसदा, पिरु हांसदा, सुधीर चंद्र मुर्मू आदि उपस्थित थे.

 

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