पूर्वी सिंहभूम जिले में उत्पाद विभाग द्वारा प्लेसमेंट एजेंसी वेबेल टेक्नोलॉजी से 20 करोड़ की वसूली पर झारखण्ड उच्च न्यायालय ने लगाई अंतरिम रोक

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जमशेदपुर : जमशेदपुर में सरकारी विदेशी शराब दुकानों का संचालन कर रही प्लेसमेंट एजेंसी वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड से उत्पाद विभाग द्वारा बीस करोड़ रुपयों की वसूली के लिए झारखण्ड राज्य विबरेज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा जारी नोटिस पत्रांक – 854 दिनांक – 11 .04.2025 पर झारखण्ड उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है. ऐसा होने से प्लेसमेंट कम्पनी को बड़ी राहत मिली है.

वेबेल टेक्नोलॉजी के प्रतिनिधि द्वारा दायर रिट याचिका पर 10 जून को मामले की सुनवाई करते हुए झारखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव एवं न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया. अपने आदेश में अदालत ने कहा की प्रथम दृष्टया दिनांक 11 अप्रैल, 2025 का कम्पनी को कारण बताओ नोटिस, 26 मार्च, 2025 के रिट याचिका संख्या – 661/2025 में दिए गए आदेश के पैरा संख्या 3 में निहित निर्देशों के अनुरूप नहीं है, जिसमें प्रतिवादी पक्षकार हैं। इसलिए, अगले आदेश तक उक्त कारण बताओ नोटिस के तहत आगे की सभी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाई जाती है. मामले की अगली सुनवाई अब 5 अगस्त 2025 को होगी .

ज्ञात हो की निजी प्लेसमेंट एजेंसी वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड को झारखण्ड राज्य विबरेज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिले में 110 शराब दुकानों के संचालन का कार्य दिया गया था जिसके आधार पर कम्पनी सभी दुकानों में कर्मियों को नियुक्त कर दुकानों का संचालन कर रही थी. उत्पाद विभाग द्वारा दिए गए कार्यादेश में प्लेसमेंट कम्पनी को 01 /07/2023 से 31 /03 /2025 तक पूर्वी सिंहभूम जिले के जोन -02 के अन्तर्गत आने वाली सभी 110 शराब दुकानों का संचालन करते हुए मदिरा बिक्री से दुकानों से प्राप्त धन राशी को विभाग के पास जमा करना था. वहीँ हर 15 दिनों में उत्पाद विभाग के अंकेक्षक के द्वारा सभी दुकानों की ऑडिट होनी थी ओर ऐसी स्थिति में यदि बिक्री से कम राशि पायी जाती तो उससे प्लेसमेंट एजेंसी को अवगत करवाया जाना था मगर किसी भी प्रकार की ऑडिट नहीं की गयी ओर अचानक प्लेसमेंट एजेंसी के सर पर इतनी भारी धन राशि की वसूली का ठीकरा फोड़ कर उन्हें बीस करोड़ रुपयों के भुगतान का नोटिस थमा दिया गया जिसके बाद मामला अदालती लड़ाई में तब्दील हो गया.

इधर याचिकाकर्ता वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड का कहना है की बिना कैबिनेट की सहमति के ही एजेंसी को हटाया गया है .उत्पाद विभाग ने 1 जून 2024 के बाद उनके अधीन कार्यरत कर्मचारियों का वेतन ही भुगतान नहीं किया. जबकि एजेंसी की ओर से सभी कर्मचारियों का पीएफ ओर ईएसआई की राशि का भुगतान नियमित रूप से समय पर किया जाता रहा है. इस समय प्लेसमेंट एजेंसी के करीब 350 कर्मी कार्यरत हैं इनके वेतन मद में कम्पनी प्रति माह 70 लाख रुपयों का भुगतान करती है जो जून 2024 से विभाग के ऊपर उनका बकाया है साथ ही बोनस ओर ओवर टाइम के मद में विभाग से 27 करोड़ रुपये मिलने हैं. मगर विभाग उल्टा एजेंसी पर ही बकाया का दावा कर रही है जो पूरी तरह से गलत है .इसी के आलोक में एजेंसी ने अदालत की शरण ली है ताकि इस मामले में सही हल निकल सके ओर सभी कर्मियों को उनके हक़ का वेतन भुगतान किया जा सके

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