एक दशक के बाद बड़ा जामदा में फिर शुरू हो गया अवैध खनन,प्रतिदिन करोड़ों रु के लौह अयस्क की तस्करी,सवालों के घेरे में पुलिस एवं खनन विभाग की कार्यशैली

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चाईबासा :-पश्चिमी सिंहभूम जिले के जामदा ओपी क्षेत्र में लौह अयस्क के अवैध कारोबार से जुड़े तस्करों के हौसले एक बार फिर पूरी बुलंदी पर हैं । लगभग  एक दशक तक बंद रहने के बाद फिर से लौह अयस्क तस्करी और अवैध खनन का ये धंधा फिर से शुरू हो गया है । इस अवैध धंधे में तस्करों द्वारा प्रति दिन 10 से 15 हजार टन फ़ाइंस की खुदाई कर उसे बाहर भेजा जा रहा है।

विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारियों के अनुसार  जमशेदपुर से संचालित एक संगठित गिरोह के द्वारा विगत एक माह से इस काले कारनामों को बदस्तूर अंजाम दिया जा रहा है । जिसमे जामदा ओपी क्षेत्र में बंद पड़े प्लॉट में डंप किए गए फाइंस को निशाना बनाया जा रहा है । धंधे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस काम को अंजाम देने में जामदा बस्ती के कई लोग शामिल हैं।

आधी रात को प्रति दिन होती है खुदाई

सूत्र बताते हैं कि  जमशेदपुर के एक नामचीन लौह तस्कर के द्वारा संचालित एक संगठित गिरोह के सदस्यों के माध्यम से इस अवैध खनन के काले कारनामों को विगत एक माह से बेख़ौफ़ होकर अंजाम दिया जा रहा है। इस काम में जेसीबी व लोडर जैसी भारी क्षमता वाली  मशीनों का भी उपयोग किया जाने लगा है । इन मशीनों के माध्यम  2 घंटे के भीतर लगभग 10 से 15 हजार टन फाइंस की खुदाई बड़ी ही आराम से हो  जाती है । इसके बाद इसे हाइवा और डंफरों में लोड करके जाली कागजातों के सहारे झारखण्ड के बाहर भेजा जा रहा है ।

सूत्र बताते हैं कि नोवामुंडी  के काडेनाला में बंद पड़े फाइंस डम्पिंग प्लॉट से ही ये सारा खेल चल रहा है । इसके लिए तस्करों द्वारा बाकायदा जमीन मालिक को भी मोटी रकम भुगतान किया जा रहा है । 

क्रमश: ……

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